मई दिवस श्रमिक संघों का सरकार पर प्रहार,श्रमिक हितों की अनदेखी पर संघर्ष का ऐलान
रायपुर ! मई दिवस पर पूर्व में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 मई को हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा व उनसे जुड़े श्रमिक व समर्थक सुबह 10 बजे बूढ़ातालाब मैदान में एकत्रि;
रायपुर ! मई दिवस पर पूर्व में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 मई को हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा व उनसे जुड़े श्रमिक व समर्थक सुबह 10 बजे बूढ़ातालाब मैदान में एकत्रित हुए वहां पर बुलंद नारों के बीच शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात सभा हुई। श्रमिक संगठनों ने राज्य एवं केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का ऐलान करते हुए श्रमिकों के हित में आंदोलन की चेतावनी दी।
सभा में वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि अमरीका के शिकागो शहर में जब मजदूरों से 14-14 व 16-16 घंटे काम कराया जा रहा था, उसके विरुद्ध मजदूरों ने आंदोलन छेड़ा, जिसमें हजारों श्रमिकों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी। सत्ताधारियों ने मजदूरों के नेतृत्वकर्ताओं को फांसी पर चढ़ा दिया था, उक्त कुर्बानी के दिन को पूरी दुनिया में एक मई के रोज मजदूर दिवस के रुप में मनाया जा रहा है हम भी यहां पर मना रहे हैं। क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार व छत्तीसगढ़ की रमन सरकार मजदूर किसानों व आम जनता पर चौतरफा हमला कर रही है। जहां मजदूर संवैधानिक प्रावधानों के अमल के लिए लड़ रहे हैं वहीं सारे नियम कानूनों को ताक में रखकर कार्पोरेट घरानों को देश के संसाधनों लूटने की छूट दे रही है। मोदी सरार अपने मेक इन इंडिया एजेंटे को लागू करने पूर्व से बने हुए हर कानूनों को तोड़मरोड़ कर रही है। चाहे वह श्रम अधिकार हो, पर्यावरण की रक्षा का उपाय हो, चाहे किसानों की जमीन का मामला हो यहां तक की लोकतंत्र का संपूर्म ढांचा विदेशी निवेश के लिए गिरवी रखा जा रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि रायपुर के सेंट्रल वेयर हाऊस, फाफाडीह, रावाभांठा, भनपुरी में वर्षों से कार्यरत मजदूरों को राइस मिलर्स राधा किशन अग्रवाल सहित 14 राइस मिल मालिकों ने साढ़े तीन महीनों से सैकड़ों मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं किया। श्रम विभाग सहित जिला प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार के कारण मजदूरों की समस्या दिन ब दिन विकराल हो रही है। कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 में बना था, उक्त भविष्य निधि अधिनियम में केंद्र सरकार संशोधन करके पीएफ की राशि निकासी पर टैक्स लगाने जा रही थी, किन्तु हुए आंदोलन के कारण सरकार को प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। सरकार श्रम कानूनों में संशोधन करके कार्पोरेट उद्योगपतियों को छूट देकर देश के मेहनतकशों पर गुलामी थोपना चाह रही है। किन्तु हुए ट्रेड यूनियन आंदोलन के कारण प्रस्ताव रूके हुए है, इसलिए मेहनतकसों को हमेशा संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। छत्तीसगढ़ में 60 फीसदी से अधिक श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है, सरकारी श्रम विभाग सरकार का योजना विभाग बन गया है, सरकारी कार्यालय भाजपा दफ्तर की तरह उपयोग किया जा रहा है, सरकार ने विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी कर दिया है किन्तु श्रम विभाग द्वारा उद्योगों की जांच बंद करवा दिया है, ताकि न्यूनतम वेतन पालन करने की जरूरत न पड़े। सरकार के सेफ्टी सुरक्षा विभाग के ढुल मुल रवैय्ये के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। मजदूर बे मौत मारे जा रहे हैं। सरकार अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए पूर्व से बने हुए कानूनों को लागू करने के बजाए समस्या, समाधान शिविर लगाने का ढकोसला कर रही है।
सभा को छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष का. भीमराव बागड़े, का. बंशीला साहू, का. सुकलाल साहू, का. एजी कुरैशी, का. बहोरिक निषाद, का. शरीबा टेकाम, का. बिजेन्द्र तिवारी (एक्टू), का. शैलकुमार जायसवाल, का. दिलीप पारकर, का. धरती साहू, का. नरेशदास मानिकपुरी, का. देवादास जांगड़े, का. निरंजन यादव आदि वक्ताओं ने संबोधित तिया। सभा के दौरान मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सौंपा गया।
संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने दिया धरना
छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ द्वारा राज्य के विभिन्न शासकीय कार्यालयों में संविदा, दैनिक वेतन एवं प्लेसमेंट एजेंसी से नियुक्त अनियमित कर्मचारियों के नियमितिकरण सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आज एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया एवं शासन से सद्भावनापूर्वक मांगों पर विचार करने आग्रह किया।
महासंघ के प्रांताध्यक्ष अनिल देवांगन एवं महासचिव राजकुमार कुशवाह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय अनुसार राज्य शासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा, दैनिक वेतनभोगी, जावदर एवं सेवा प्रदाता कंपनी से नियुक्त अधिकारी-कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन जल्द से जल्द लागू करे। अनियमित कर्मचारियों को नियमितिकरण हेतु छत्तीसगढ़ राज्य सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 17 जनवरी 2014 गठित समिति की तर्ज पर अनियमित कर्मचारी कल्याण प्राधिकरण-आयोग का गठन किया जाए। समस्त अनियमित कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम लागू की जाए। अनियमित कर्मचारियों का नियमितिकरण करने हेतु राज्य शासन के विभिन्न विभागों में नियमित कर्मचारी के रुप में समायोजन किया जाए तथा नियमित पदों में पूर्णत: समायोजन होने तक समस्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमित भर्ती प्रक्रिया पर पूर्णत: रोक लगाई जाए।
मई दिवस पर सीटू ने की सार्वजनिक अवकाश की मांग
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियनस (सीटू) ने मजदूर दिवस के मौके पर 1 मई को मजदूरों/ कर्मचारियों के सभी हिस्सों के लिए प्रदेश में भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने की मांग की है। सीटू की छत्तीसगढ़ राज्य समिति ने इस मांग का एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रमन सिंह को प्रेषित कर उनसे कहा है कि, समूचे विश्व के मजदूर 1 मई को शिकागो के अमर शहीद मजदूर नेताओं के बलिदान की याद में मजदूर दिवस मानते है. इस दिन विश्व के 106 देशों और देश के 10 राज्यों में भी सार्वजनिक अवकाश रहता है. इसलिए प्रदेश के हर हिस्से के मजदूरों के लिए 1 मई के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।
प्रदेश में मई दिवस पर आज निकलने वाली सभी रैली में भी यही मांग उठाई गई है . सीटू ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस पर शीघ्र पहल का आग्रह किया है.