सुरक्षित नहीं रेलवे का साइबर नेटवर्क, संसदीय समिति ने चेताया

सीबीआई द्वारा भारतीय रेल के यात्रियों से तत्काल टिकट बुकिंग में फर्जीवाड़ा कर चूना लगाने वालों का भंडाफोड़ करने के बाद पता चला है कि रेलवे में साइबर क्राइम से निपटने के लिए पुख्ता उपाय ही नहीं किए गए;

Update: 2017-12-30 00:24 GMT

नई दिल्ली। सीबीआई द्वारा भारतीय रेल के यात्रियों से तत्काल टिकट बुकिंग में फर्जीवाड़ा कर चूना लगाने वालों का भंडाफोड़ करने के बाद पता चला है कि रेलवे में साइबर क्राइम से निपटने के लिए पुख्ता उपाय ही नहीं किए गए हैं। रेलवे के सतर्कता निदेशालय, जो कि साइबर अपराध से संबंधित मामलों में पड़ताल करता है, खुद ही कमजोर है और वर्षों से यहां साइबर अपराध करने वालों से निपटने के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए हैं जो कि चिंता का विषय है।

संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कहने की आवश्यकता नहीं है कि रेलवे के पास सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ और साइबर अपराध से निपटने के लिए न तो विशेषज्ञ हैं और न ही आधारभूत संरचना है। जबकि ई-टेंडरिंग, ई-ऑक्शन सिस्टम को भारतीय रेलवे शुरू कर चुका है लेकिन इसे पूर्णतया सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है।

संसदीय समिति ने इन पहलुओं को देखते रेलवे के कंप्यूटर नेटवर्क सहित समूचे ई-प्लेटफार्म की सुरक्षा संदेह के घेरे में है। बता दें कि स्टोर डिपार्टमेंट ने सभी खरीददारी, ई-टेंडर के माध्यम से करनी शुरू कर दी है तो वहीं स्कै्रप को भी सौ फीसद ई-ऑक्शन के जरिए बेचा जा रहा है।

सांसद भर्तहरि महताब की अध्यक्षता में गठित इस समिति में 18 सदस्य हैं जिसमें12 लोकसभा सांसद हैं और छह राज्यसभा के सदस्य हैं।

समिति ने स्पष्टतौर पर कहा कि रेल मंत्रालय को पर्याप्त अनुभव वाले विशेषज्ञों को शामिल करना चाहिए जो कि साइबर अपराध से निपटने व समूचे ई-प्लेटफार्म की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। समिति की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि विशेषज्ञ की नियुक्ति स्थायी हो अथवा प्रतिनियुक्ति पर लेकिन समूचे रेलवे के साइबर नेटवर्क में किसी भी छेड़छाड़ उसके दुरूपयोग को रोकने के लिए जरूरी है कि इसके पुख्ता उपाय शुरू किए जाएं। बता दें कि बुधवार को सीबीआई ने एक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर को गिरफ्तार किया है जो कि रेलवे के समानांतर सॉफ्टवेयर को बनाकर तत्काल आरक्षण से सैंकड़ों टिकट बुक कर लोगों को चूना लगाया।

Full View

 

Tags:    

Similar News