अनियंत्रित होकर नाले में गिरी कार रेडियो जॉकी की मौत
नोएडा के सेक्टर-85 गोल चक्कर के पास तेज रफ्तार से आ रही एक कार टर्न लेते समय अनियंत्रित होकर नाले में गिर गई;
नोएडा। नोएडा के सेक्टर-85 गोल चक्कर के पास तेज रफ्तार से आ रही एक कार टर्न लेते समय अनियंत्रित होकर नाले में गिर गई। जिससे कार में सवार युवती करीब 25 मिनट तक कार में फंसी रहीं। इस तरह नाले के पानी से दम घुटकर उनकी मौत हो गई।
दोनों तरफ सीमेंट की चारदीवारी से बने नाले की वजह से कार में उसमें फंस गई थी जिसके चलते उसके गेट को खोलने और उसे बाहर निकालने में देरी हो गई थी। हादसे में मृत युवती की पहचान तान्या खन्ना (28) के रूप में हुई। वह रेडियो मिर्ची में ग्रुप सेल्स मैनेजर पद पर कार्यरत थीं।
पुलिस ने बताया कि तान्या खन्ना गाजियाबाद के कविनगर में रहतीं थीं। वह नोएडा फिल्मसिटी स्थित रेडियो मिर्ची में पिछले कई साल से कार्यरत थीं। मंगलवार देर रात करीब 1 बजे वह अपनी वर्ना कार से घर के लिए निकलीं थीं। रास्ते में उनके एक दोस्त भी दूसरी कार से थे। इसलिए पहले गाजियाबाद जाने के बजाय दोस्त के पीछे-पीछे सेक्टर-137 स्थित ईको सिटी में घर की तरफ जा रहीं थीं। बताया जा रहा है कि तान्या खन्ना अपने दोस्त की कार के पीछे थीं।
पुलिस को तान्या के दोस्त ने बताया कि दोनों अट्टा से होते अलग-अलग कार से सेक्टर-137 की तरफ आ रहे थे। एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन से आते समय वह अपनी कार से सोसायटी तक पहुंच गए लेकिन सेक्टर-137 कट से तान्या रास्ता भटक गईं थीं। सोसायटी के पास जब वह नहीं पहुंची तो तलाश करते हुए सेक्टर-85 गोलचक्कर तक पहुंचे तो देखा कि वहां पुलिस पहले से मौजूद है और नाले में फंसी कार को निकालने की कोशिश में जुटी है। जिस जगह यह हादसा हुआ वहीं पर ओम साईं नर्सरी है। नर्सरी चलाने वाले बसंत ने बताया कि वह बच्चे के साथ वहीं पर सो रहे थे।
मंगलवार रात करीब डेढ़ बजे तेज रफ्तार से आ रही कार अनियंत्रित होने के बाद ब्रेक लगाते समय आवाज हुई तब देखा कि नाले पर बनाए लकड़ी के पुल को तोड़ते हुए कार पूरी तरह से पहले पलट गई। इसके बाद करीब 8 फुट चौड़े और 9 फुट गहरे नाले में गिर गई। नाले में गिरते ही कार का फं्रट शीशा टूट गया जिससे कार में प्रेशर के साथ पानी घुस गया। इससे कार चला रहीं युवती बचने के लिए पीछे की सीट की तरफ पहुंचीं। मगर पीछे वाला शीशा टूटा नहीं और कार उलटी होकर नाले के दोनों तरफ से फंस जाने की वजह से बाहर से भी कोई मदद नहीं किया।
क्रेन से कार को बाहर निकाला, तब तक हो चुकी थी मौत
क्रेन और फायरब्रिगेड को बुलाने में 15 मिनट से ज्यादा का समय लग गया। इसके बाद नाले से कार को बाहर निकालने में भी करीब 5-10 मिनट लगे। इस तरह हादसे के 25 मिनट बाद जब युवती को बाहर निकाला गया और नजदीकी यथार्थ अस्पताल में ले गए तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।