पंजाब गन्ना किसानों को देश में सबसे ऊंची कीमत देना जारी रखेगा:मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में भी राज्य के गन्ना किसानों को उच्चतम दर देना जारी रखेगी।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में भी राज्य के गन्ना किसानों को उच्चतम दर देना जारी रखेगी।;

Update: 2023-11-24 18:53 GMT

जालंधर / चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में भी राज्य के गन्ना किसानों को उच्चतम दर देना जारी रखेगी।

आज पंजाब भवन में किसान यूनियनों के साथ बातचीत के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों को मूल्य प्रदान करने के लिए हमेशा शीर्ष पर रही है और अब भी यह प्रवृत्ति जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गन्ने का राज्य सहमत मूल्य (एसएपी) 380 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है, जो देश में सबसे अधिक है, जबकि हरियाणा ने हाल ही में इसे बढ़ाकर 386 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। हालांकि, भगवंत सिंह मान ने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार जल्द ही गन्ना मिल मालिकों के साथ बैठक कर इस कीमत में बढ़ोतरी कर किसानों को खुशखबरी देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार उनकी सरकार ने गन्ना किसानों के सभी लंबित बकाए का भुगतान किया है, जो पिछली सरकारों से विरासत में मिला था। उन्होंने कहा कि राज्य में 16 चीनी मिलें हैं जिनमें से नौ सहकारी क्षेत्र की हैं और शेष निजी क्षेत्र की हैं। श्री मान ने कहा कि केवल दो निजी मिलों से ही भुगतान हुआ है। फगवाड़ा और धूरी लंबित हैं, उन्होंने कहा कि इस धन की वसूली करने और इन संपत्तियों को बेचने के बाद किसानों को भुगतान करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि समाज के किसी भी वर्ग के साथ बातचीत के लिये उनके दरवाजे खुले हैं लेकिन विरोध प्रदर्शन के बहाने आम आदमी का उत्पीड़न पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने की जरूरत है ताकि आम जनता को विरोध प्रदर्शन के कारण किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि किसान यूनियनों ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है, इसलिए रेल या सड़क अवरोधों के माध्यम से आम आदमी को होने वाली परेशानी से बचना चाहिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से आम लोगों को परेशानी होती है, जिससे वे आंदोलनकारियों के खिलाफ हो जाते हैं, जिससे समाज में कलह पैदा होती है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से ऐसे विरोध प्रदर्शनों से आम आदमी को काफी परेशानी उठानी पड़ती है जो पूरी तरह से अनुचित और अवांछनीय है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बेहद गर्व और संतुष्टि की बात है कि किसानों ने व्यापक जनहित में रेल और सड़क नाकेबंदी हटाने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रयास कर रही है कि पंजाब देश का नंबर एक राज्य बने जिसके लिए समाज के हर वर्ग का समर्थन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह एक जन-समर्थक सरकार है और राज्य सरकार की हर कार्रवाई का उद्देश्य लोगों की भलाई सुनिश्चित करना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के खजाने से एक-एक पैसा लोगों की भलाई पर खर्च किया जा रहा है और इस नेक काम के लिये कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बातचीत की इस प्रक्रिया में कोई भी विजयी या हारा नहीं है क्योंकि प्रत्येक निर्णय राज्य और इसके लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मुफ्त बिजली देकर, आम आदमी क्लिनिक खोलकर, लोगों को सरकारी नौकरियां देकर, निजी क्षेत्र में रोजगार के नए रास्ते खोलकर पथप्रदर्शक पहल की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह प्रक्रिया आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी क्योंकि राज्य सरकार पंजाब के समग्र विकास के लिए ठोस प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में पराली जलाने की समस्या को रोकने के
लिये हर संभव प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि यह अजीब बात है कि तमाम कोशिशों के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ते एक्यूआई इंडेक्स के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह विडम्बना है कि हर कोशिश के बावजूद प्रदेश को बेवजह बदनाम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने धान की पराली न जलाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही किसानों को वैकल्पिक फसलों के लिए एमएसपी दिया जाना चाहिए, जिससे उनकी आय में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी होगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे किसानों को गेहूं/धान के चक्र से बाहर निकलने और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को यह भी चेतावनी दी कि वह धान पर एमएसपी व्यवस्था समाप्त करने के लिए किसानों को धमकी देने से बाज आए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने उच्चतम न्यायालय में यह ड्राफ्ट दिया है कि धान की तरह अन्य फसलों पर भी केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य दे। उन्होंने कहा कि धान की बजाय अन्य फसलें उगाने पर किसानों को नुकसान नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि फसल विविधिकरण से किसानों को होने वाले नुकसान का पंजाब सरकार भरपाई करने के लिये तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत हर वर्ष बहुत बड़ी धनराशि की दालें कोलम्बिया से आयात करता है। अगर पंजाब के किसानों को दालों पर एमएसपी दी जाये तो यहां के किसान धान की बजाय दालों की खेती कर यह मांग पूरी कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान के आश्वासन पर शुक्रवार को किसानों ने जालंधर में रेल यातायात को बहाल कर दिया है। इसके साथ ही सड़क परिवहन भी जल्दी ही शुरू होने की उम्मीद है।
पंजाब में जालंधर-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग के जालंधर-फगवाड़ा खंड पर धानोवाली गांव के पास गन्ने का समर्थन मूल्य 380 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने और चीनी मिलों को चालू करने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।
श्री मान ने कहा कि चीनी मिलें गन्ने से चीनी के अतिरिक्त और भी उत्पाद तैयार करती हैं। इसलिये चीनी मिलों को होने वाले फायदे से किसानों को भी लाभ होना चाहिये। उन्होंने कहा कि मामले पर वह शनिवार को चीनी मिल मालिकों से भी बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब को नंबर वन राज्य बनाने के लिये हम सभी को मिलकर काम करना होगा।

पंजाब में पराली जलाये जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल पंजाब की ही समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की समस्या उत्तरी भारत के साथ-साथ अन्य प्रदेशों की भी है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कदम उठाना चाहिये।
राज्यपाल द्वारा विधेयकों पर निर्णय लेने में देरी करने के संबंध में भगवंत मान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में लिखा है कि पंजाब के राज्यपाल विधेयकों पर जल्द अपना फैसला लें। उन्होंने कहा, “ मुझे उम्मीद है कि राज्यपाल जल्द ही कोई निर्णय लेंगे ताकि जनता द्वारा चुनी गयी सरकार अपने विधायी और संवैधानिक अधिकार का प्रयोग कर सके। ”

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा में पंजाब के लोग हमेशा अग्रणी रहे हैं। उन्होंने कहा, “ हम अपने युवाओं को सेना में भर्ती करते हैं और अगर हमें कभी मदद की जरूरत होती है तो केंद्र सरकार सेना उपलब्ध कराने के लिये हमसे शुल्क लेती है, लेकिन जब पंजाब के अग्निवीर शहीद हुये तो उन्हें शहीद का सम्मान नहीं दिया गया। केंद्र सरकार को पंजाब को यूं ही नहीं छोड़ना चाहिये।

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