गरीबों के पक्ष मेें पंजाब बजट : धर्मसोत
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पेश किये पंजाब बजट को आज प्रगतिशील, अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों और अल्पसंख्यक वर्ग पक्षीय, किसान पक्षीय और विकास केंद्रित घोषित किया है। ;
चंडीगढ़। पंजाब के वन एवं वन्य जीव सुरक्षा, एससी /बीसी और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पेश किये पंजाब बजट को आज प्रगतिशील, अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों और अल्पसंख्यक वर्ग पक्षीय, किसान पक्षीय और विकास केंद्रित घोषित किया है।
यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि यह बजट पंजाब की अर्थ व्यवस्था को प्रोत्साहन देगा और सभी क्षेत्रों में तरक्की के लिए एक नया रास्ता खोलेगा।
धर्मसोत ने बजट को यथार्थवादी, भावी और समाज के सभी क्षेत्रों के हित में बताते कहा कि कैप्टन सरकार समाज के कमजाेेर और उपेक्षित वर्गों प्रति सचेत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जातियों, पिछड़ीं श्रेणियों और अल्पसंख्यकों के कल्याण हित बड़ा कदम उठाते हुए 1235 करोड़ की राशि आरक्षित रखी है जिससे शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक और अन्य विकास कार्यक्रमों जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाईं जाएंगी।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने एससी., बीसी, ईसाई लड़कियाेें, विधवाओं /तलाकशुदा और किसी भी जाति से संबंधित विधवाओं की लड़कियों के विवाह के मौके पर आशीर्वाद स्कीम के अंतर्गत दी जाने वाली शगुन की राशि 15 हजार रुपए से बढ़ा कर 21 हजार रुपए कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने के लिए इस स्कीम के अंतर्गत अदायगी ऑनलाइन बैंकिंग मैनेजमेंट व्यवस्था के जरिये की जायेगी।
उन्होंने बताया कि बजट में अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़ीं श्रेणियों से सम्बन्धित पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के लिए नये 860 करोड़ रुपए आरक्षित रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के चल रहे ऑडिट कार्य को जल्दी मुकम्मल करने की हिदायतें दी गई हैं जिससे विद्यार्थियों को इस स्कीम का लाभ लेने में कोई परेशानी न आए। उन्होंने कहा कि आडिट दौरान घोटाला करने वाली शैक्षिक संस्थायों पर बनती कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
धर्मसोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछड़ीं श्रेणियों के सशक्तिकरण के लिए शैक्षिक, तकनीकी और पेशेवर संस्थानों में पिछड़ीं श्रेणियों मेें आरक्षण कोटा पांच प्रतिशत से बढ़ा कर 10 प्रतिशत कर दिया है और पिछड़ी श्रेणियों की पारिवारिक आय की सीमा 6 लाख से बढ़ा कर 8 लाख वार्षिक कर दी है।