समृद्ध खेती, खुशहाल किसान
मध्यप्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की उन्नति को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है;
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की उन्नति को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यही वजह है, कि प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से खाद्यान्न का विपुल उत्पादन हो रहा है और राज्य की कृषि विकास दर 20 प्रतिशत को भी पार कर गई है। यही वजह है, कि प्रदेश को निरंतर 5 बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त करने का गौरव हासिल हुआ है।
इन उपलब्धियों का श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कृषि विकास के लिए किए गए नवाचारों और किसानों के हित में उठाए गए क्रांतिकारी कदमों को जाता है।
सिंचाई क्षमता बढ़ी
राज्य सरकार ने खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए सुनियोजित प्रयास किए हैं, इसके लिए प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने पर खास दिया गया है। अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में जहां तेजी से काम किया गया है, वहीं नई सिंचाई योजनाओं पर भी निरंतर कार्य किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप विगत 5 वर्षों में सिंचाई क्षमता 23 लाख हेक्टेयर से बढ़कर करीब 30 लाख हेक्टेयर हो गई है।
खेती के लिए 10 घंटे बिजली
अच्छी पैदावार के लिए सिंचाई के साथ-साथ पर्याप्त बिजली भी अत्यंत आवश्यक है। सरकार ने इसके अनुरूप कदम उठाए और प्रदेश अब बिजली के मामले में आत्म निर्भर हो गया है। राज्य में बिजली उत्पादन क्षमता 17 हजार 766 मेगावाट तक पहुंच गई है। गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे और किसानों को खेती के लिए 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। इसके चलते अब प्रदेश की कृषि उत्पादन क्षमता 5 करोड़ 44 लाख मिट्रिक टन, यानि पिछले 10 वर्षों के मुकाबले दोगुनी से भी अधिक हो गई है।
आय दोगुनी करने की योजना
सरकार ने अगले 5 वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य की योजना बनाई है। इसके लिए 5 मुख्य बिन्दुओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसके तहत कृषि लागत में कमी, उत्पादन में वृद्धि, किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलाने के अलावा उद्यानिकी, पशुपालन और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि खेती के साथ-साथ किसानों को अन्य क्षेत्रों से भी आर्थिक लाभ हो। इसके लिए कई योजनाएं भी सरकार ने शुरू की हैं।
25 हजार करोड़ के फसल ऋण वितरण का लक्ष्य
मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। पिछले वर्ष जहां किसानों को 11 हजार 941 करोड़ का ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया गया था। इस साल 25 हजार करोड़ के फसल ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना से प्रदेश के लगभग 16 लाख किसान लाभान्वित होंगे। इसके लिए राज्य शासन द्वारा 2 हजार 334 करोड़ का ब्याज अनुदान सहकारी बैंकों को दिया जा चुका है।