संपदाओं को बेचकर देश में समृद्धि नहीं लायी जा सकती: कांग्रेस

 सरकारी संस्थानों के निजीकरण और उनमें विनिवेश की सरकार की नीति की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि संपदाओं को बेचकर देश में समृद्धि नहीं लायी जा सकती;

Update: 2021-03-23 16:37 GMT

नयी दिल्ली।  सरकारी संस्थानों के निजीकरण और उनमें विनिवेश की सरकार की नीति की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि संपदाओं को बेचकर देश में समृद्धि नहीं लायी जा सकती।

कांग्रेस के शक्ति सिंह गोविल ने मंगलवार को राज्यसभा में विनियोग विधेयक और जम्मू कश्मीर तथा पुड्डुचेरि के सामान्य बजट और उनकी अनुदान मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार ने विनिवेश के जरिये एक लाख 75 हजार करोड़ रूपया जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार को संपदाओं को बेचकर समृद्धि लाने से बचना चाहिए क्योंकि यह सही नहीं है।

पिछले दो वर्षों के दौरान राजस्व घाटे के बढने पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि बजट और राजस्व घाटे का अंतर निरंतर गहराता जा रहा है जो अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न दिक्कत केवल सरकार के लिए नहीं है आम लोग भी इससे बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं। सरकार ने उत्पाद शुल्क बढाकर और केन्द्रीय जीएसटी के जरिये अपनी कमायी तो बढा ली है लेकिन आम लोगों की आय कम हो रही है।

बीजू जनता दल के प्रशांत नंदा ने जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के अनुपात का सवाल उठाया और राज्य में ढांचागत क्षेत्र के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए समुचित राशि मुहैया कराये जाने की मांग की।

अन्ना द्रमुक के एम थम्बीदुरई ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार एक सही विजन के साथ देश को विकास के पथ पर बढा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने श्रीलंका के साथ सहमति की है और इसके तहत विशेष सहायता राशि भी दी गयी है लेकिन श्रीलंका सरकार ने अभी तमिल क्षेत्रों को जरूरी अधिकारों से वंचित ही रखा है। उन्होंने पुड्डुचेरि को राज्य का दर्जा दिये जाने की भी मांग की है।

भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सरकार की नीतियों और योजनाओं के चलते विभिन्न एजेन्सियों ने देश की सकल घरेलु उत्पाद की दर 10 फीसदी से अधिक रहने का अनुमान व्यक्त किया है। जम्मू कश्मीर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां लोकतंत्र जमीनी स्तर तक पहुंच गया है।

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