मप्र में भाजपा के लिए अपने ही बन रहे हैं मुसीबत

मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए अपने ही मुसीबत बनने लगे हैं, क्योंकि कई नेताओं की फिसली जुबान और बयानबाजी ने कांग्रेस को हमला करने का मौका दे दिया है;

Update: 2020-09-17 22:12 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए अपने ही मुसीबत बनने लगे हैं, क्योंकि कई नेताओं की फिसली जुबान और बयानबाजी ने कांग्रेस को हमला करने का मौका दे दिया है।

राज्य में विधानसभा उपचुनाव की तारीख का भले ही अभी ऐलान न हुआ हो, मगर प्रचार धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है और तमाम दावेदार मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश में लगे हैं। इसी क्रम में डबरा से संभावित उम्मीदवार और राज्य की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने एक बैठक हिस्सा लिया, मगर इस बैठक में ऐसा कुछ कह गईं जो विवादों में आ गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में इमरती देवी कहते हुए दिख रही हैं कि "जिस कलेक्टर को कह दिया जाएगा वह संबंधित विधानसभा सीट जिताकर ला देगा।" मंत्री के इस बयान की कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है।

इसी तरह का एक विवादित बयान टीकमगढ़ जिले के भाजपा विधायक का आया है। विधायक राकेश गिरी गोस्वामी ने गरीबों को राशन पर्ची वितरित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि "पार्टी में आकर कई ऐसे बड़े नेता बन गए हैं जो राशन की कालाबाजारी किया करते थे।"

सागर के सुरखी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के संभावित उम्मीदवार और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की रामशिला पूजन यात्रा के समापन के दौरान जुबान ही फिसल गई और वे भाजपा पर ही हमला कर गए। उन्होंने कहा कि "भाजपा नकली राम और भगवा का सहारा ले रही है।"

इसके अलावा ग्वालियर में तो मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की कांग्रेस नेताओं से धक्का-मुक्की तक हो गई।

भाजपा नेताओं की बयानबाजी और अन्य राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है। मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर का कहना है कि उपचुनाव में अपनी संभावित हार को देखते हुए भाजपा गुंडागर्दी पर उतर आई है और आशंका इस बात की है कि विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की सरकार प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर सकती है।

विवादित बयान को लेकर इमरती देवी ने सफाई देते हुए कहा, "अभी तो आचार संहिता नहीं लगी है। हम तो विकास के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं। जनता को भाजपा पर भरोसा है और हमें वोट मिलेंगे। विकास की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों पर होती है।"
 

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