वेदों में समाज को दिशा देने की शक्ति : आचार्य देवव्रत
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देव्रवत ने शुक्रवार को यहां कहा कि वेद हमारी संस्कृति के आधार हैं, जो मानवता तथा भाईचारे का सन्देश देते हैं;
चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देव्रवत ने शुक्रवार को यहां कहा कि वेद हमारी संस्कृति के आधार हैं, जो मानवता तथा भाईचारे का सन्देश देते हैं। उन्होंने कहा कि वेदों में समाज को सही दिशा में मार्गदर्शन करने की शक्ति है और वेदों का सन्देश प्रसारित कर हम समाज में शान्ति और सौहार्द्र कायम कर सकते हैं। पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ की तरफ से महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के तत्वावधान में 'पंजाब में वैदिक अध्ययन की परम्परा तथा वैदिक सामाजिक मूल्य' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में आचार्य देव्रवत ने कहा कि पंजाब संतों और महात्माओं की भूमि है और वैदिक संस्कृति की परम्पराओं का अनुसरण कर रही है।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि स्वामी दयानन्द जी तथा स्वामी श्रद्धानन्द जी ने पंजाब में वैदिक संस्कृति के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया और आज हमें इस परम्परा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
केन्द्रीय विश्वविद्यालय (हिमाचल प्रदेश) के कुलपति प्रो. हरमोहेन्द्र सिंह ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत किया और पंजाबी राम काव्य लिपि का विवरण दिया तथा बहुमूल्य वैदिक संस्कृति के संरक्षण पर बल दिया।
उन्होंने राज्यपाल को 'भारतीय भाषाओं में राम कथा-पंजाबी भाषा' पुस्तक भेंट की। वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के सचिव डॉ. वीरूपक्ष वी. जद्दीपाल ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। डीएवी प्रबन्धन समिति, नई दिल्ली के सलाहकार हंसराज गंधार ने स्वामी दयानन्द सरस्वती की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला।