फर्जी पासपोर्ट मामले में पोस्टमैन गिरफ्तार

तमिलनाडु के चर्चित फर्जी पासपाेर्ट घाेटाला मामले में कल एक कांस्टेबल की गिरफ्तारी के बाद अाज शहर की अपराध शाखा इकाई (सीसीबी) ने एक पोस्टमैन को गिरफ्तार कर लिया;

Update: 2017-07-12 17:03 GMT

चेन्नई। तमिलनाडु के चर्चित फर्जी पासपाेर्ट घाेटाला मामले में कल एक कांस्टेबल की गिरफ्तारी के बाद अाज शहर की अपराध शाखा इकाई (सीसीबी) ने एक पोस्टमैन को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस सूत्राें ने बताया कि कन्नारी नगर निवासी धनशेखरन (59) ,छिंतादरीपेट डाकघर में तैनात था,उसे गिरफ्तार किया गया है।

वह पासपोर्ट कार्यालय से रजिस्टर्ड डाक को फर्जी पतों पर पहुंचाने का काम करता था।

सूत्रों ने बताया कि इन फर्जी डिलीवरी के बदले इस पोस्टमैन काे एक हजार रुपए रिश्वत दी जाती थी।

इस मामले में कई पुलिसकर्मियों के शामिल होने की आशंका है और आठ पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जा चुकी है।

पुलिस ने इस मामले में एक दलाल की भूमिका की पुष्टि भी की है।

कल जिस हेड कांस्टेबल मुरूगन को पकड़ा गया है वह पतों की पुष्टि के लिए आने वाले फर्जी पासपाेर्ट को अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के लिए प्रति पासपोर्ट तीन हजार रुपए रिश्वत लेता था।

सूत्रों ने बताया कि मुरुगन की मदद से आपराधिक रिकार्ड वाले लगभग 15 लोगों और 10 अन्य को इन फर्जी पासपोर्ट के जरिए कनाडा भेजा गया है।

पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पिछले वर्षों में ऐसे पासपोर्ट के जरिए कुल कितने लोगों को विदेश भेजा गया है।

इस मामले का पता पिछले माह उस समय लगा जब एक दलाल विमल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

वह एक नाईजीरियाई नागरिक के लिए डुप्लीकेट पासपोर्ट बनवाने में मददगार था। वह पिछले पांच वर्ष से छिंदारीपेट में रह रहा है।

इसके बाद पुलिस ने शहर से दो और लोगों गुना और सुधा को गिरफ्तार किया।

एक अन्य एजेंट रामू उर्फ रामालिंगम (54) को दो दिन पहले गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद मुरूगन की भूमिका का खुलासा हुआ।

मुरुगन यह जानते हुए कि आवेदक फार्मों में उल्लेखित पतों पर नहीं रहते हैं, इसके बावजूद वह इन फार्मों को क्लीयर करने में मदद करता था।

इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड़ संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
इस मामले की पूरी तह तक जाने के लिए कल शहर पुलिस आयुक्त ए के विश्वनाथन एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

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