पुरानी किताबों से पढ़ेंगे गरीब बच्चे : बैंसला

  राजधानी दिल्ली के रोहिणी सैक्टर-3 संतगिरी स्कूल के सामने पुरानी किताबों को रद्दी होने से बचाने के लिए इकट्ठा करने के उद्देश्य से 3 दिन का कैंप लगाया जा रहा है यह कैंप आगामी 4 से 6 अप्रैल तक दिन में;

Update: 2018-04-02 13:23 GMT

नई दिल्ली।  राजधानी दिल्ली के रोहिणी सैक्टर-3 संतगिरी स्कूल के सामने पुरानी किताबों को रद्दी होने से बचाने के लिए इकट्ठा करने के उद्देश्य से 3 दिन का कैंप लगाया जा रहा है यह कैंप आगामी 4 से 6 अप्रैल तक दिन में दो बार लगाया जाएगा।

कैंप में सुबह 7 बजे से 10 और दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक अभिभावकों से पुरानी किताबें और कापियां इकट्ठा की जाएगी। कैंप का आयोजन आर्ट क्रिएशन्स कल्चरल सोसाइटी की ओर से किया जा रहा है।

सोसाइटी की संयोजक नरेश बैंसला और सहसंयोजक ममता बैंसला ने संयुक्त बयान में बताया कि देशभर में 12 लाख 85 हजार से ज्यादा स्कूल है इसमें लगभग 7 लाख निजी स्कूल हैं। प्रत्येक विद्यालय में तकरीबन एक हजार छात्र पढ़ते हैं जो कि औसतन 3 हजार रुपये की किताबों को खरीदने में खर्च करते हैं। मगर शिक्षा के नाम पर हर साल निजी स्कूल अपने यहां कोर्स बदल देते हैं और यह शिक्षा देने वाली अरबों रुपए की किताबें रद्दी में तब्दील हो जाती है।

उन्होंने कहा कि हमारी एनजीओ अनेकों सफल प्रयासों के बाद एक नया कदम उठाने जा रही हैं जिसमे रद्दी में तब्दील होने वाली किताबों को छात्रों के अभिभावकों से इकट्ठा करने के लिए कैंप लगा रहे हैं। यह उनका पहला प्रयास है। ममता बैंसला ने बताया कि इस काम को जनता का समर्थन मिल रहा है और बहुत ही कम समय में इसका आयोजन किया जा रहा है। उनकी कोशिश होगी कि उनकी एनजीओ छात्रों के अभिभावकों को एडमिशन और फीस से कोई स्कूल की तरफ से दिक्कत होती है तो वह उन की आवाज को बड़े पैमाने पर मजबूती से उठाएंगी।

उनका पहली कोशिश होगी कि रद्दी में तब्दील होती किताबों से गरीब बच्चों को पढ़ाया जाए और देश से निरक्षरता को दूर किया जाए। इस अभियान में स्कूलों और कूछ कालेजों के बच्चों की भी भागीदारी रहेगी। उन्होंने  बताया कि यह अभियान यहीं तक सीमित नहीं रहेगा जनता की भागीदारी तयकर इसे और आगे बढ़ाया जाएगा। जनता की इस संबंध में जो दिक्कत और परेशानी है उन्हें सरकार तक शेयर किया जाएगा।

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