गरीब विरोधी है पथ परिवहन कानून : भाकपा-माले

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने पथ परिवहन कानून 2019 को गरीब विरोधी बताया;

Update: 2019-09-03 23:20 GMT

पटना। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने पथ परिवहन कानून 2019 को गरीब विरोधी बताया और कहा कि इसे लागू कर सरकार ने पहले से ही आर्थिक संकट झेल रही देश की जनता के साथ क्रूर मजाक किया है।

भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने आज केंद्र सरकार द्वारा लाए गए पथ परिवहन कानून 2019 के खिलाफ बिहार राज्य ऑटोरिक्शा चालक संघ समेत अन्य संगठनों के आह्वान पर पटना में तीस हजार ऑटोरिक्शा एवं लगभग 20 हजार ई -रिक्शा चालकों की ऐतिहासिक हड़ताल का स्वागत और पार्टी की ओर से हड़ताल का समर्थन किया है।

उन्होंने निजी वाहन चालकों से भी इस हड़ताल को समर्थन देने का आह्वान करते हुये कहा कि यह गरीब विरोधी कानून है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना पहले से लगभग 10 गुना बढ़ा दिया गया है, जो पहले से ही आर्थिक संकट झेल रही देश की जनता के साथ क्रूर मजाक है।

श्री कुणाल ने कहा कि सरकार के इन कदमों से वाहन चालकों पर बेहद नकरात्मक असर पड़ेगा। सरकार ने ऑटोरिक्शा चालकों से 15 साल का रोड टैक्स एवं पांच साल के परमिट का पैसा वसूला लेकिन अब कह रही है कि सभी डीजल वाहनों के परमिट रद्द कर दिए जाएंगे और संपीडित प्रकृतिक गैस (सीएनजी) चालित वाहन चलाये जाएंगे। सरकार प्रदूषण बढ़ने का तर्क दे रही है. यदि सरकार सचमुच सीएनजी वाहनों को चलाना चाहती है तो इस बात की गारंटी करे कि पुराने वाहन चालक के वाहन की कीमत लगाकर सीएनजी वाहन खरीदने के लिए उन्हें 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 

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