अवैध कटाई पर पीओआर कर फंस गया वन अमला

 कुछ दिन पूर्व रेंगालपाली सर्किल के गढ़उमरिया क्षेत्र में तीन दर्जन से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई हो गई थी, लेकिन अवैध कटाई राजस्व भूमि में हुई थी;

Update: 2018-01-10 13:34 GMT

रायगढ़।  कुछ दिन पूर्व रेंगालपाली सर्किल के गढ़उमरिया क्षेत्र में तीन दर्जन से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई हो गई थी, लेकिन अवैध कटाई राजस्व भूमि में हुई थी। ऐसे में मामला राजस्व विभाग का बनता था, पर वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा बिना कुछ सोचे समझे इस पर पीओआर दर्ज कर लिया और अब रेंजर से लेकर अन्य कर्मचारी इस मामले में फंसते जा रहे हैं।

यही नहीं तीन क्वींटल लकड़ी जब्त करने की बात वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा की जा रही है। अब ऐसे में विभाग के उच्चाधिकारी इस मामले में लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। 

इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि करीब 20-25 साल पहले रेंगालपाली सर्किल के गढ़उमरिया क्षेत्र में वन विभाग ने राजस्व भूमि पर प्लांटेशन किया था। बाद में वहां काफी बड़े-बड़े पेड़ तैयार हो गए थे और इसमें रियां, पेलटाफार्म व अन्य प्राजाति के पेड़ थे। कुछ दिन पूर्व उस प्लांटेशन में जमकर अवैध कटाई हो गई और करीब पचास से अधिक पेड़ों को काटकर कोई अज्ञात लोग ले गए। जब इसकी भनक वन अमला को लगी, तो रायगढ़ वन परिक्षेत्र के रेंजर आरसी यादव व रेंगालपाली सर्किल के वनकर्मियों ने यह तक समझने की कोशिश नहीं की कि वह अवैध कटाई राजस्व भूमि में हुआ है या फिर वनभूमि का मामला है और आनन-फानन में पीओआर दर्ज कर लिया। पीओआर क्र. 7520/16 है।

अब वन अधिकारियों की मुसिबत इसलिए बड़ गई है कि राजस्व के मामले में उन्होंने अपराध दर्ज कर लिया और तीन क्वींटल लकड़ी भी वहां से जब्त कर किसी के सुपूर्द में दे दिया है। हांलाकि अब अपने बचाव के लिए विभागीय कर्मचारी यह बोल रहे हैं कि वहां नारंगी क्षेत्र भी है। हांलाकि बताया जा रहा है कि नियमों को ध्यान में न रखने के कारण इस मामले में अब विभाग के उच्च जिम्मेदार अधिकारी लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। 

आनन-फानन में पीओआर दर्ज

विभागीय जानकारों ने बताया कि राजस्व की भूमि पर अवैध कटाई होती है और अगर कटे हुए पेड़ वहां पड़े होते हैं, तो उस पर पीओआर दर्ज करने का अधिकार वन अमला को नहीं है। अगर उसका परिवहन होता है और वन विभाग उसे पकड़ती है, तो वन अमला को कार्रवाई करने का अधिकार है। जबकि ऐसा नहीं हुआ और आनन-फानन में पहले ही पीओआर दर्ज कर लिया। 

मामला राजस्व विभाग का

इस संबंधमें रायगढ़ वन मंडल की डीएफओ विजया कुर्रे का कहना था कि राजस्व की जमीन में प्लांटेशन हुआ है, तो वह पांच साल बाद ग्राम पंचायत को हैंडओवर हो जाता है। अवैध कटाई अगर राजस्व भूमि पर हुआ है तो मामला राजस्व विभाग का है।  
विजया कुर्रे, डीएफओ

नारंगी क्षेत्र के कारण दर्ज हुआ पीओआर

राजस्व भूमि पर अवैध कटाई हुई है, लेकिन वहां नारंगी क्षेत्र भी है। इस कारण पीओआर दर्ज किया गया है। तीन क्वींटल लकड़ी भी वहां से जब्त किया गया है। पांच साल बाद हैंडओवर हुआ है कि नहीं और मैं पता करवा लेता हूं।  

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आरसी यादव, रेंजर

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