मन की बात को संबोधित कर रहे हैं पीएम मोदी, कहा- "तिरंगे का अपमान देख दुखी हुआ देश"
आज रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साल 2021 के पहले "मन की बात" प्रोग्राम को संबोधित कर रहे हैं;
नई दिल्ली। आज रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साल 2021 के पहले "मन की बात" प्रोग्राम को संबोधित कर रहे हैं।
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पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा जब मैं ‘मन की बात’ करता हूं तो ऐसा लगता है, जैसे आपके बीच, आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूं। हमारी छोटी-छोटी बातें, जो एक-दूसरे को, कुछ, सिखा जाये, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव जो, जी-भर के जीने की प्रेरणा बन जाये - बस यही तो है ‘मन की बात’। पीएम मोदी ने कहा राष्ट्र ने असाधारण कार्य कर रहे लोगों को उनकी उपलब्धियां और मानवता के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। इस साल भी पुरस्कार पाने वालों में, वे लोग शामिल हैं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है।
26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और तिरंगे के अपमान पर भी पीएम मोदी ने कहा। उन्होंने कहा इन सबके बीच, दिल्ली में, 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख, देश, बहुत दुखी भी हुआ। हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है।
देश में फैले कोरोना के मामलों और कोरोना के वैक्सीनेशन पर भी पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा इस साल की शुरुआत के साथ ही कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को भी करीब-करीब एक साल पूरा हो गया है। जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है, वैसे ही, अब, हमारा Vaccination programme भी, दुनिया में एक मिसाल बन रहा है। आप जानते हैं, और भी ज्यादा गर्व की बात क्या है? हम सबसे बड़े Vaccine programme के साथ ही दुनिया में सबसे तेज गति से अपने नागरिकों का Vaccination भी कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा संकट के समय में भारत, दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि, भारत, आज दवाओं और Vaccine को लेकर सक्षम है, आत्मनिर्भर है। यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है।
स्वतंत्रता सेनानियों को भी पीएम मोदी ने नमन किया। उन्होंने कहा भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गांव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।