लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए दायर की याचिका
17वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए लोकसभाध्यक्ष ओम बिड़ला को निर्देश देने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है;
नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए लोकसभाध्यक्ष ओम बिड़ला को निर्देश देने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता मनमोहन सिंह और शिष्मिता कुमारी की ओर से दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ 26 जून को सुनवाई कर सकती है।
याचिकाकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर नीति बनाने के लिए लोकसभाध्यक्ष को निर्देश देने की मांग की है।
उन्होंने कहा है, "नई लोकसभा में कांग्रेस 52 सदस्यों के साथ विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी है, इसलिए कानून के तहत वह इस पद का असली दावेदार है। इस संबंध में कोई संशय की स्थिति नहीं है, क्योंकि इस नियुक्ति को लेकर कानून बिल्कुल स्पष्ट है।"
उन्होंने कहा कि संसद (लोकसभा) में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को विपक्ष का नेतृत्व प्रदान करने से रोकना गलत उदाहरण होगा और इससे लोकतंत्र कमजोर होगा।
उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए शक्तिशाली विपक्ष का होना अनिवार्य है, क्योंकि लोकतंत्र के समुचित ढंग से काम करने के लिए विरोध काफी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि यह कोई औचित्य नहीं है कि कांग्रेस इसलिए नेता प्रतिपक्ष के पद का दावा नहीं कर सकती, क्योंकि उसके पास सदन में कुल सांसदों का 10 फीसदी हिस्सा नहीं है।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता राजनीतिक या अंकगणितीय फैसला नहीं है, बल्कि यह वैधानिक फैसला है। लोकसभाध्यक्ष को सिर्फ यह सुनिश्चित करना है कि क्या पद का दावा करने वाली पार्टी विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है।