प्रवेश लेने पहुंचने वाले अभिभावकों को लौटना पड़ रहा है बैरंग
एक तरफ तो सरकार गरीबों और शोषित समाज के बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए बड़ी-बड़ी योजनाओं की बात करती है;
ग्रेटर नोएडा। एक तरफ तो सरकार गरीबों और शोषित समाज के बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए बड़ी-बड़ी योजनाओं की बात करती है वहीं निजी स्कूल योजनाओं का माखौल उड़ा रहे हैं। नोएडा में रहने वाले भीष्म यादव ने सेक्टर-119 नोएडा के मिलेनियम स्कूल प्रबंधन ने लगाया है कि कोटा फुल हो चुका है नहीं होगा प्रवेश। भीष्म यादव के बच्चों को एडमिशन दिलाने के मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवेश कुमार यादव ने बताया कि अभिभावक ने स्कूल प्रबंधन पर कोटा फुल होने की बात कहकर भगाने का आरोप लगाया है।
जबकि सेक्टर-119 मिलेनियम स्कूल में राइट टू एजुकेशन के तहत एक भी एडमिशन नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक निजी स्कूल में सीट क्षमता का 25 फीसदी इस योजना के तहत एडमिशन लिया जाना है।
अभिभावक ने शिकायत की है कि स्कूल प्रबंधन ने प्रत्येक बच्चे के हिसाब से चार हजार रुपये खाने के लिए भी मांगे हैं। इसके अलावा अभी तक बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास आई शिकायत के अनुसार विश्वभारती स्कूल नोएडा सेक्टर-28 ने भी कोटा फुल होने की बात कही है।
बालभारती पब्लिक स्कूल सेक्टर-25 ने एक एडमिशन में उम्र अधिक की बात कही है, जबकि नियम के अनुसार चार से छह वर्ष के बीच एडमिशन हो सकते हैं। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के एपीजे स्कूल में बच्चों के एडमिशन फार्म के नाम पर पांच सौ रुपये लेने और बाद में एडमिशन न देने का आरोप लगाया है।
इसके अलावा डीपीएस वर्ल्ड खेड़ा चौगानपुर में राइट टू एजुकेशन के अंतर्गत एडमिशन लेने गए बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर बिल्डिंग व अन्य चार्ज मांगने का आरोप लगाया है।
तीन राउंड में 1493 बच्चों को निजी स्कूलों में एडमिशन के लिए आवेदन
जिले में जहां पिछले वर्ष केवल 105 बच्चों को राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन मिल सका था। वहीं, अब तक तीन राउंड में 1493 बच्चों को आवेदन के लिए चुना जा चुका है। पहले राउंड में 162, दूसरे राउंड में 178 और तीसरे राउंड में अभी तक लगभग 1153 बच्चों को (लिस्ट पूरी नहीं बनी है) निजी स्कूलों में एडमिशन के लिए चुना जा चुका है।