पाकिस्तान : बनी-बनाई धारणाओं को तोड़ रही है महिला पशु विक्रेता

 पाकिस्तान में ईद-उल-अजहा से पहले कुर्बानी योग्य पशुओं का कारोबार अपने उफान पर पहुंच जाता है;

Update: 2020-07-22 01:52 GMT

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में ईद-उल-अजहा से पहले कुर्बानी योग्य पशुओं का कारोबार अपने उफान पर पहुंच जाता है।

हर साल ऐसे तमाम बाजार खरीदारों और विक्रेताओं से भर जाते हैं जिनमें 95 प्रतिशत से अधिक पुरुष होते हैं।

लेकिन, इस साल कराची के सबसे बड़े पशु बाजार में ध्यान एक युवा महिला खींच रही है जो कुर्बानी देने वाले जानवरों को बेचने के लिए पुरुषों के बीच खड़े होकर लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ रही है और उन्हें चुनौती दे रही है।

कराची सुपर हाइवे का मवेशी बाजार देश का सबसे प्रमुख मवेशी बाजार है। यहां हजारों जानवर चौबीसों घंटे खरीदारों को आकर्षित करते हैं।

21 वर्षीय आयशा गनी को इस ईद-उल-अजहा से पहले इस पशु बाजार में कुर्बानी वाले जानवरों को बेचते देखा जा सकता है। हो सकता है कि यह कोई साधारण बात लगे लेकिन आयशा गनी एक महिला होने के नाते निश्चित रूप से रूढ़ियों को तोड़ रही हैं क्योंकि इस बाजार ने अतीत में किसी महिला को यह काम करते नहीं देखा है।

आयशा कराची की रहने वाली हैं। उन्हें रोज बाजार में कम से कम 36 बड़े पशुओं को संभालते और बेचते देखा जा रहा है।

आयशा ने कहा, "मैंने इन जानवरों को घर पर पाला है। इसीलिए मेरे मन में उनके प्रति विशेष स्नेह है।"

पहली बार इस कारोबार में उतरीं आयशा ने पशुओं की ऑनलाइन खरीदारी और बिक्री का एक नया चलन भी शुरू किया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप के कारण इस साल कारोबार मंदा है। लोग सस्ते दाम पर पशुओं को तलाश रहे हैं जबकि महंगाई के कारण कीमतें आसमान छू रही हैं।

आयशा ने उम्मीद जताई कि महिलाएं उन्हें इस काम को करते देख कर प्रोत्साहित होंगी और इस काम में शामिल होंगी। हालांकि, एक पुरुष प्रधान बाजार में एक महिला को पेश आने वाली चुनौतियां तो बहरहाल आकर रहेंगी।

उन्होंने कहा, "लड़कियों को तो हमारे समाज में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता ही है, लेकिन मैंने पहला कदम उठाया है और आशा है कि और अधिक महिलाएं और लड़कियां आगे आएंगी।"

उन्होंने कहा, "आज महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं और उन्हें खुद को किसी से कमतर नहीं समझना चाहिए। हम हर क्षेत्र में प्रगति कर सकते हैं।"

Full View

Tags:    

Similar News