आपदा प्रबंधन एवं स्वच्छता संगोष्ठी का आयोजन
सभी आपदाओं में राहत हेतु प्रशासन के साथ-साथ जन सहभागिता महत्वपूर्ण है चाहे वह क्षेत्रिय लोगों की हो अथवा समाज सेवी संगठनों की हो;
नोएडा। आपदा दो प्रकार की होती हैं दैवी आपदा जैसे बाढ़, सूखा, बेमौसमी वर्षा, ओले पड़ने और मानवीय आपदायें जैसे गैस लिकेज या बीत दिनों की ग्रेटर नोएडा में बिल्डिंग ध्वस्त होने की घटना आदि।
अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा सेक्टर-11 के नेहरू युवा केन्द्र में आपदा प्रबंधन एवं स्वच्छता विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने अपने पूर्व आपदाओं के अनुभवों को सांझा करते हुए कहा कि आपदा के दौरान एवं उपरान्त नकारात्मक लोगों से बचाव जरूरी है क्योंकि राहत की सामग्री सही लोगों तक पहुंचना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि यदि हम स्वयं स्वच्छ रहेगें तो अपने आस पास गंदगी हमें स्वत: दिखाई देगी जिससे हम इन्हें हटाने की कोशिश करेंगे। यह संगोष्ठी ब्रह्माकुमारी के साईंटिस्ट एव इंजीनियर प्रभाग के द्वारा आपदा प्रबंधन एवं स्वच्छता अभियान के नोएडा में पहुंचने के अवसर पर हुए कार्यक्रमों में अन्तिम कार्यक्रम के रूप में आयोजित हुई।
यह अभियान पानीपत से 2 अक्टूबर प्रारंभ होकर रोहतक, बहादुरगढ़, भिवानी, चरखी दादरी, नारनोल, रेवाड़ी, कैथल, करनाल, मुज्जफरनगर, बिजनौर, मेरठ, मोदी नगर, मुरादनगर, दिल्ली, गाजियाबाद में जागरूता लाते हुए 21 अक्टूबर को नोएडा पहुंचा जो आगे फरीदाबाद, मथुरा, आगरा होते हुए गुरूग्राम में समाप्त होगा।
अजियान प्रमुख ब्रह्माकुमार जारत, जूषण ने बताया कि आपदा से पूर्व ही मन को मजबूत बनाना होगा क्योंकि प्रशिक्षण पूर्व में लिया जाता है न कि तूफान आने पर तूफान से बचने का प्रशिक्षण लेने जाया जाये।