विपक्ष ने सभापति और उपसभापति को आमंत्रित नहीं किये जाने का मुद्दा उठाया
विपक्षी दल के सदस्यों ने संसदीय सौंध के नये भवन के उद्घाटन समारोह में राज्यसभा के सभापति और उपसभापति को आमंत्रित नहीं किये जाने का मुद्दा आज राज्यसभा में उठाया और इसे सदन का अपमान बताया;
नयी दिल्ली। विपक्षी दल के सदस्यों ने संसदीय सौंध के नये भवन के उद्घाटन समारोह में राज्यसभा के सभापति और उपसभापति को आमंत्रित नहीं किये जाने का मुद्दा आज राज्यसभा में उठाया और इसे सदन का अपमान बताया।
सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद ने जरूरी दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद इस मामले को उठाते हुए कहा कि लोकसभा और राज्यसभा बराबर है और इनमें से एक सदन की अनदेखी नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि संसद भवन परिसर में जो भी आधिकारिक कार्यक्रम होता है वह दोनों सदनों का संयुक्त कार्यक्रम होता है, लेकिन कल संसदीय सौंध के नये भवन के उद्घाटन समारोह में राज्यसभा के सभापति, उपसभापति और सांसदों को आमंत्रित नहीं किया गया ।
आजाद ने कहा कि वर्ष 2009 में संसदीय सौंध के भवन विस्तार कार्यक्रम का शिलान्यास दोनों सदनों के प्रमुखों ने किया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ने राज्यसभा को ‘गुड बाई’ कर लिया है।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा संसद और संविधान का हिस्सा नहीं है तो यह इस सदन का अपमान है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी और समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने भी सभापति और उपसभापति के समारोह में आमंत्रित नहीं किये जाने पर नाराजगी जतायी।
उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि संसद भवन परिसर का प्रबंधन लोकसभा करता है, लेकिन उनकी जानकारी में इस संबंध में कोई दस्तावेज नहीं है। उन्होंने कहा कि कल के कार्यक्रम का आमंत्रण सभापति को नहीं था और इसकी जानकारी लोकसभा सचिवालय को दी गयी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संसद भवन परिसर के प्रबंधन को लेकर एक समिति है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि संसद परिसर में प्रबंधन का कार्य लोकसभा सचिवालय देखता है और यह व्यवस्था 1952 से चल रहा है।