निर्वाचन आयोग के समक्ष विपक्षी पार्टियां करेंगी मतपत्र की वकालत

विपक्षी पार्टियों और निर्वाचन आयोग के बीच सोमवार को प्रस्तावित बैठक में अधिकतर पार्टियां आगामी चुनावों में मतपत्र की वकालत करेंगी;

Update: 2018-08-26 22:48 GMT

नई दिल्ली। विपक्षी पार्टियों और निर्वाचन आयोग के बीच सोमवार को प्रस्तावित बैठक में अधिकतर पार्टियां आगामी चुनावों में मतपत्र की वकालत करेंगी। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को सात राष्ट्रीय और 51 राज्य स्तरीय पार्टियों को चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक में आमंत्रित किया है। इसमें मतदाता सूची, राजनीतिक दलों का खर्च और वार्षिक अंकेक्षित रिपोर्ट समय पर दाखिल करने सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। 

राजग के घटक दल शिवसेना सहित 17 राजनीतिक दलों ने मतपत्र के जरिये चुनाव कराने पर जोर दिया है। 

इन पार्टियों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा, जद(एस), तेलुगू देशम पार्टी, राकांपा, सपा, माकपा, राजद, द्रमुक, भाकपा, वाईएसआर कांग्रेस, केरल कांग्रेस मणि और एआईयूडीएफ शामिल हैं। 

विपक्षी पार्टी के एक नेता ने आईएएनएस से कहा, "हम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए मतपत्र पर जोर देंगे। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि ईवीएम टेंपर प्रूफ नहीं है।" 

उन्होंने कहा, "हम साथ ही यह मुद्दा भी उठाएंगे कि चुनाव खर्च उम्मीदवार के साथ ही राजनीतिक दलों का भी निर्धारित होना चाहिए।"

निर्वाचन आयोग की इस बैठक में हालांकि एजेंडे में केंद्र और राज्य में एकसाथ चुनाव कराने के मुद्दे को शामिल नहीं किया गया है। 

अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने विधि अयोग के समक्ष कहा है कि यह व्यावहारिक नहीं है। 

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