एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए ऑनलाइन कोर्स

कोरोना वायरस के संक्रमण और इसकी रोकथाम के लिए लागू किए गया लॉक डाउन, तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी चुनौती बनकर उभरा;

Update: 2020-05-16 17:15 GMT

नई दिल्ली । कोरोना वायरस के संक्रमण और इसकी रोकथाम के लिए लागू किए गया लॉक डाउन, तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। देश के आईआईटी और आईआईएस जैसे संस्थानों ने संयुक्त प्रयास से अब तकनीकी शिक्षा खासतौर पर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए विशेष ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है। भारत की आईआईटी और आईआईएस ने एक संयुक्त प्रयास के तहत 'नेशनल प्रोग्राम ऑफ टेक्नोलॉजी इन इन्हेंसमेंट' यानि एनपीटीई के अंतर्गत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं विमान निर्माण तकनीक जैसी इंजीनियरिंग के खास ऑनलाइन कार्यक्रम तैयार किए हैं।

तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में इस ऑनलाइन पहल पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा , "अगर आप एरोस्पेस को लेकर उत्साहित हैं तो हमने एनपीटीई के जरिए आपके लिए यह कोर्स उपलब्ध कराया है।"

एनपीटीई के माध्यम से एयरोस्पेस के साथ साथ साथ 17 अन्य इंजीनियरिंग कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिनमें फूड इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, डिजाइन इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक व कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं।

इसके अलावा पीएचडी और एमफिल व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र भी लॉक डाउन से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। हालांकि अब ऐसे छात्रों के लिए श्शोध सिंधुश् लाया गया है। शोध सिंधु के माध्यम से छात्रों को हजारों जर्नल और लाखों पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेंगी।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक ई-प्लेटफार्म शोध सिंधु के माध्यम से छात्र को 10,000 राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय जर्नल और 31 लाख 35 हजार पुस्तकों उपलब्ध कराई गई हैं।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से कहा, " शोध कर रहे छात्रों के लिए लाइब्रेरी आवश्यक हैए लेकिन लॉक डाउन के दौरान यह संभव नहीं है। इसलिए अब उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों को शोध सिंधु के माध्यम से एक ऐसा प्लेटफार्म मुहैया कराया गया है जहां उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शोध मिल सके।"


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