बिलासपुर कलेक्टर को राष्ट्रीय अजाजजा आयोग का नोटिस
पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की जाति मामले में हाई पॉवर कमेटी की रेपोर्ट के बाद भी मामला दर्ज नही करना अब बिलासपुर कलेक्टर पी दयानंद के लिए महंगा साबित हो रहा है;
बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की जाति मामले में हाई पॉवर कमेटी की रेपोर्ट के बाद भी मामला दर्ज नही करना अब बिलासपुर कलेक्टर पी दयानंद के लिए महंगा साबित हो रहा है।
याचिकाकर्ता संत कुमार नेताम की शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने कलेक्टर बिलासपुर को जवाब देने के लिए न केवल तलब किया है। बल्कि आयोग ने भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय को भी कलेक्टर बिलासपुर के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी चिट्ठी लिख दी है।
आयोग द्वारा बिलासपुर कलेक्टर को जारी नोटिस के मुताबिक बिलासपुर कलेक्टर ने हाई पॉवर कमेटी की रिपोर्ट के बाद जोगी के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नही किया और इस देरी की वजह क्या है इसका जवाब पांच दिनों के अंदर दिल्ली स्थित आयोग के दफ्तर में स्वयं उपस्थित होकर देने को कहा है। आयोग ने नोटिस के माध्यम से कलेक्टर को साफ़ साफ़ शब्दों में चेतावनी भी दी है की यदि तय समय सीमा में जवाब देने वो स्वयं उपस्थित नहीं हुए तो उनके खिलाफ आयोग समन जारी कर सकता है।
संत कुमार नेताम की शिकायत पर नेशनल एस टी आयोग ने भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय को भी एक पत्र लिखा है जिसमे बिलासपुर कलेक्टर के खिलाफ कार्मिक मंत्रालय से कलेक्टर बिलासपुर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए लिखा है।
गौरतलब है की याचिकाकर्ता संत कुमार नेताम ने जोगी की जाति को लेकर रिपोर्ट आने के बाद भी जोगी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नही करने को लेकर बिलासपुर कलेक्टर की शिकायत प्रधानमंत्री के आलावा सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रिय अनुसूचित जनजाति आयोग को की थी।
शिकायत के मुताबिक नेताम ने जोगी के खिलाफ कार्रवाई नही होने के लिए बिलासपुर जिला कलेक्टर को दोषी बताया था और इस मामले में कलेक्टर की जवाबदेही तय करने के साथ उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की थी।
कलेक्टर बिलासपुर व् कार्मिक मंत्रालय भारत सरकार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा नोटिस किये जाने पर प्रतिक्रिया में सन्त कुमार नेताम ने आयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हुवे आशा व्यक्त की है कि कलेक्टर बिलासपुर के पक्षपात पूर्ण कार्रवाई पर उनके विरुद्ध अब कार्रवाई होगी।