शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह संसद में नहीं हुआ कोई कामकाज 

सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा में राफेल सौदे को सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया और दोनों सदनों में प्रश्नकाल तथा शून्यकाल भी नहीं चल सके;

Update: 2018-12-14 17:04 GMT

नयी दिल्ली । राममंदिर निर्माण, राफेल विमान पर उच्चतम न्यायालय के फैसले आैर कावेरी नदी पर बांध बनाने का विरोध समेत कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, शिवसेना और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों के हंगामे के कारण शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह संसद में कोई कामकाज नहीं हुआ।

सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा में राफेल सौदे को सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया और दोनों सदनों में प्रश्नकाल तथा शून्यकाल भी नहीं चल सके। मंगलवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित कर दी गयी। बुधवार और बृहस्पतिवार को दाेनों सदनों में कावेरी डेल्टा में किसानों को मदद देने, केरल की बाढ़ और राममंदिर निर्माण के मुद्दे छाये रहे और प्रश्नकाल एवं शून्यकाल नहीं चले।

शुक्रवार को लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा करते हुये आसन के सामने आकर नारेबाजी की। राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से उत्साहित सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी कांग्रेस पर हमला बोला और माफी माँगने को कहा। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच भाजपा के अनुराग ठाकुर, गणेश सिंह, प्रह्लाद जोशी, संजय जायसवाल तथा कई अन्य सदस्य राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से माफी माँगने की माँग करने लगे।

कांग्रेस के गौरव गोगोई, रंजीत रंजन, रवनीत सिंह तथा कुछ अन्य सदस्य सदन के बीचोबीच आकर मोदी सरकार पर इस सौदे में गड़बड़ी और उसमें शामिल होने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। कांग्रेस ने राफेल प्रकरण की संयुक्त संसदीय समिति से जाँच कराने की मांग की।

इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल सौदे में कांग्रेस ने देश को गुमराह किया है और दुनिया के समक्ष भारत की छवि धूमिल की है। कांग्रेस अध्यक्ष को इसके लिए न सिर्फ सदन से, बल्कि देश से माफी माँगनी चाहिए। 

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