गुर्जर आरक्षण मामले की बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा
राजस्थान में गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण देने के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद वैकल्पिक रास्ता निकालने के लिए आज यहां सरकार और गुर्जर नेताओं की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला;
जयपुर। राजस्थान में गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण देने के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद वैकल्पिक रास्ता निकालने के लिए आज यहां सरकार और गुर्जर नेताओं की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला सहित गुर्जर नेताओं की मंत्रिमंडलीय उप समिति के सदस्यों, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजेंन्द्र सिंह राठौड़ और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी के साथ हुई बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला।
दोनों पक्षों में आरक्षण देने के सम्बन्ध में वैकल्पिक रास्ता निकालने के लिए उन्नतीस नवम्बर को फिर से बैठक करने पर सहमति हुई।बैठक में राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के बाद के हालात पर विचार किया गया।
बैठक के बाद श्री राठौड़ एवं श्री चतुर्वेदी ने मीडिया को बताया कि सरकार गुर्जर समेत पांच जातियों को आरक्षण देना चाहती है लेकिन न्यायालय के निर्णय के कारण हाथ बंधे हुए हैं। इन जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण देने के लिए विधानसभा में विधेयक पारित किया गया था। इस पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी।
उच्च न्यायालय के इस आदेश पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी और राज्य सरकार को निर्देश दिए कि याचिका लंबित रहने के दौरान ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी नहीं करे जिससे आरक्षण की सीमा पचास प्रतिशत से अधिक हो जाए।
कर्नल बैंसला ने मीडिया से कहा कि हमें आरक्षण चाहिए, चाहे सरकार पांच प्रतिशत अलग से या पचास प्रतिशत के अन्दर दे।
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि केन्द्र में आरक्षण का वर्गीकरण किया गया उसी आधार पर राजस्थान में भी आरक्षण का वर्गीकरण कर आरक्षण दिया जाना चाहिए।