आंध्र की राजधानी अमरावती को बदलने का कोई इरादा नहीं : वाईएसआर विधायक

सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कहा कि अमरावती शहर राज्य की राजधानी बना रहेगा, इसे बदलने को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार की कोई योजना नहीं है;

Update: 2019-08-28 22:04 GMT

हैदराबाद। सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कहा कि अमरावती शहर राज्य की राजधानी बना रहेगा, इसे बदलने को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार की कोई योजना नहीं है। लेकिन, 'पिछली सरकार के दौरान हुए घोटालों' की जांच के बाद ही यहां की योजनाओं पर काम शुरू होगा। 

पार्टी विधायक और प्रवक्ता अंबाती रामबाबू ने आईएएनएस को बताया कि विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) झूठ फैला रही है कि सरकार राज्य की राजधानी को स्थानांतरित करने की योजना बना रही है।

उन्होंने कहा, "क्या हम राज्य की राजधानी को सिर्फ इसलिए स्थानांतरित कर सकते हैं, क्योंकि इस पर चंद्रबाबू नायडू ने काम शुरू किया था? हम चीजों को सही करेंगे और जहां भी भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप हैं, वहां कार्रवाई करेंगे।"

वरिष्ठ नेता ने कहा, "अगर हमारे पास राजधानी बदलने की ऐसी कोई योजना होती तो हमारे मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने अमरावती में अपना घर क्यों बनाया होता।"

उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी के विपरीत उनके पूर्ववर्ती एन. चंद्रबाबू नायडू में राजधानी बनाने के संबंध में ईमानदारी की कमी थी। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि टीडीपी प्रमुख ने अमरावती में घर नहीं बनाया।

नायडू के किराए के मकान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "हमें पूरा विश्वास है कि अमरावती राजधानी रहेगी और इसी कारण हमारे यहां पर घर हैं। नायडू के पास घर क्यों नहीं है? वह किसी और के घर में रह रहे हैं।"

टीडीपी के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई अमरावती में विभिन्न परियोजनाओं पर मई में वाईएसआर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद काम रुक गया है। इससे संदेह हुआ कि क्या राजधानी को कहीं और स्थानांतरित करने की योजना तो नहीं है?

रामबाबू ने कहा, "राजधानी बदलने की क्या जरूरत है? पिछली सरकार ने पहले ही यहां 53 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। अगर इसे बदलने की जरूरत होती, तो हम अब तक इसकी घोषणा कर चुके होते।"

रामबाबू ने कहा कि हमारी सरकार सिंगापुर की तरह अमरावती के निर्माण के नायडू जैसे बड़े दावे नहीं करेगी। उन्होंने कहा, "हमारे देश में कुछ भी सिंगापुर, चीन और मलेशिया जैसा नहीं होगा। हम जो भी निर्माण करेंगे, वह भारतीय होगा। यह दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई या मैसूर से बेहतर हो सकता है।"

राज्य की राजधानी बनाने की नायडू की भव्य योजना के लिए अनुमानित 1.5 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है। सड़कों और राज्य सचिवालय परिसर जैसी परियोजनाओं पर 38 हजार करोड़ रुपये का काम पिछले साल शुरू किया गया था, लेकिन इस साल मार्च में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ यह काम रुक गया।

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