बस स्टैण्ड में मूलभूत सुविधाएं नहीं

 प्रदेश की प्रथम विधानसभा का दर्जा प्राप्त भरतपुर सोनहत के मुख्यालय जनकपुर में आम आदमी मूलभूत सुविधाओं के लिये मोहताज;

Update: 2018-07-04 13:08 GMT

बैठक व पेयजल व्यवस्था नहीं, महिला यात्रियों को होती है खासी परेशानी 
मनेन्द्रगढ़।  प्रदेश की प्रथम विधानसभा का दर्जा प्राप्त भरतपुर सोनहत के मुख्यालय जनकपुर में आम आदमी मूलभूत सुविधाओं के लिये मोहताज है। यहां आवागमन के लिये एकमात्र साधन बस ही है जिसके लिये जनकपुर में बस स्टैण्ड बनाया गया है, लेकिन न तो वहां यात्रियों के बैठने के लिये पर्याप्त व्यवस्था है और न ही सड़कें व्यवस्थित हैं जिससे आम आदमी को होने वाली असुविधा का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। 

जनकपुर विकासखंड में जाने आने के लिये एकमात्र बस ही सहारा है। इसके अलावा अन्य कोई व्यवस्था नही है इसके बावजूद आज तक इस दिशा में कोई पहल नही की गई जिससे आम आदमी सुव्यवस्थित तरीके से आवागमन कर सके। यहां कहने को तो बस स्टैण्ड है लेकिन बरसात का मौसम आते ही बस स्टैण्ड पूरी तरह कीचड़ से सराबोर हो जाता है जिससे लोगों को काफी असुविधा होती है। 

बस स्टैण्ड में कुछ वर्षो पहले जो सड़क बनाई गई है उसके अगल बगल जल भराव होने से लोगों को परेशानी होती है जिससे बस स्टैण्ड तक पहुंचना काफी दिक्कत भरा होता है। बरसात के समय तो यहां से गुजरने की कल्पना भी नही की जा सकती, ऐसे में आदमी बस स्टैण्ड जाये तो जाये कैसे। इस संबंध में कई बार क्षेत्र के लोगों ने जिले के आलाधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराया लेकिन इस दिशा में कभी कोई पहल नही की गई जिसके चलते बस स्टैण्ड का रख रखाव नही किया जा रहा। 
 

शाम ढलते ही अंधेरे का साम्राज्य 
बस स्टैण्ड में सबसे बड़ी समस्या यात्रियों की सुरक्षा को लेकर होती है क्योंकि शाम ढलते ही यहां अंधेरे का साम्राज्य हो जाता है ऐसे में यात्री यहां रूकना ही नही चाहता। वहीं महिलाओं के लिये प्रसाधन कक्ष न होने से महिला यात्रियों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। कुल मिलाकर देखा जाये तो बस स्टैण्ड नाम मात्र का बस स्टैण्ड है यहां आम आदमी की सुविधाओं का कोई ख्याल नही रखा गया है। 
 

साफ-सफाई का अभाव 
बस स्टैण्ड में एक सबसे बड़ी दिक्कत साफ सफाई की कमी भी है। समूचे परिसर में चारों ओर गंदगी का साम्राज्य कभी भी देखा जा सकता है जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है। खासकर वर्षाकाल में बस स्टैण्ड में जमा गंदगी से उठने वाली दुर्गंध काफी पीड़ादायक होती है। वहीं बस स्टैण्ड में आवारा पशुओं का जमघट लगा रहता है जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। चूंकि सरकारी बसों का संचालन एक दशक से बंद हो चुका है ऐसे में यहां से सिर्फ प्राइवेट बसें ही गुजरती हैं जिसके चलते बस स्टैण्ड के रख रखाव में कोई ध्यान नही दिया जाता जिसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ता है। 

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