एनएलएटी से नामांकन का एनएलएसआईयू, बेंगलुरु का निर्णय निरस्त

न्यायालय ने एनएलएसआईयू, बेंगलुरु को निर्देश किया कि वह 2020-21 सत्र में क्लैट के अंकों के आधार पर ही नामांकन करे, एनएलएटी के परिणाम के आधार पर नहीं।;

Update: 2020-09-21 13:16 GMT

नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने नेशनल लीगल एप्टीट्यूट टेस्ट (एनएलएटी) के जरिये नामांकन के बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के निर्णय को सोमवार को निरस्त कर दिया और कम्बाइंड लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) के तहत नामांकन का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने नेशनल लॉ स्कूल कंसोर्टिंयम को निर्देश दिया कि वह केंद्र सरकार द्वारा जारी सभी स्वास्थ्य मानकों का ध्यान रखते हुए 28 सितम्बर को क्लैट की परीक्षा आयोजित कराये।

न्यायालय ने एनएलएसआईयू, बेंगलुरु को निर्देश किया कि वह 2020-21 सत्र में क्लैट के अंकों के आधार पर ही नामांकन करे, एनएलएटी के परिणाम के आधार पर नहीं।

खंडपीठ की ओर से न्यायमूर्ति भूषण ने 107 पन्ने का फैसला लिखते हुए कहा कि 2020-21 सत्र के लिए पांच साल वाले बीए एलएलबी ऑनर्स प्रोग्राम में प्रवेश को लेकर तीन सितम्बर को जारी नोटिस तथा तदनुसार, चार सितम्बर को जारी प्रेस विज्ञप्ति को निरस्त किया जाता है।

खंडपीठ ने प्रतिवादी संख्या तीन (कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परीक्षा परिणाम प्रकाशित करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी हो, ताकि अक्टूबर के मध्य तक पाठ्यक्रम शुरू किया जा सके।

खंडपीठ ने एनएलएटी को चुनौती देने वाली याचिका पर 17 सितम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शीर्ष अदालत ने गत 11 सितम्बर को एक अंतरिम आदेश जारी करके एनएलएसआईयू को एनएलएटी परीक्षा परिणाम प्रकाशित करने से रोक दिया था।

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