एनआईए ने टीटीपी के लिए फंड जुटाने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की

एनआईए ने मंगलवार को बेंगलुरु की अदालत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की गतिविधियों के लिए फंड जुटाने के आरोप में दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की;

Update: 2023-10-10 22:24 GMT

नई दिल्ली। एनआईए ने मंगलवार को बेंगलुरु की अदालत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की गतिविधियों के लिए फंड जुटाने के आरोप में दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की।

आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी मोहम्मद आरिफ (42) और महाराष्ट्र के ठाणे के निवासी हमराज़ वॉर्शिद शेख (27) के रूप में हुई है।

एनआईए ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने भारत में भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन में शामिल करने के लिए भर्ती करने का प्रयास किया।

अधिकारियों ने बताया कि आरिफ बेंगलुरु में फ्रेंच ट्रांसलेटर के तौर पर काम कर रहा था। दोनों आरोपियों पर यूए(पी) एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।

एनआईए की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया एप्लिकेशन पर संचार किया और टीटीपी के सीरिया स्थित ऑनलाइन हैंडलर के साथ साजिश को आगे बढ़ाया।

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''दोनों आरोपियों ने भारत में भोले-भाले मुस्लिम युवाओं की पहचान की और टीटीपी विचारधारा का प्रचार करके उन्हें कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने का प्रयास किया।

इन युवाओं को हिजराह करने और हिंसक जिहाद करने के लिए टीटीपी में शामिल होने के लिए भी प्रेरित किया गया था।"

अधिकारी ने कहा कि आरिफ ने अपने परिवार के साथ टीटीपी में शामिल होने के लिए ईरान-अफगानिस्तान सीमा के माध्यम से अवैध रूप से अफगानिस्तान में प्रवेश करने की भी तैयारी की।

आरिफ ने अपने पूरे परिवार के लिए ईरानी वीज़ा को लेकर आवेदन किया था और अपनी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों सहित अपने परिवार के लिए ईरान के लिए चार उड़ान टिकट और भारत के लिए चार डमी वापसी उड़ान टिकट भी बुक किए थे।

ऑनलाइन हैंडलर के निर्देश के मुताबिक, आरिफ ने ईरान के मशहद शहर के बोशरा होटल में कमरे भी बुक किए थे। एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि आरोपी हमराज़ वॉर्शिद शेख ने टीटीपी की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान में पैसे भेजे थे।

अधिकारी ने आगे कहा कि अभियुक्तों का इरादा हिंसक जिहाद के माध्यम से लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार पर कब्ज़ा करके भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने का था। आरोपी व्यक्तियों और संदिग्धों के खिलाफ आगे की जांच जारी है।

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