एनजीटी के आदेश से परियोजनाओं की तोड़ी कमर, स्वास्थ्य होगा बेहतर

 एनजीटी  के आदेश से शहर में चल रहे निर्माण संबंधित कार्यों पर रोक लगने से जहा वातावरण में बढ़ रहे स्मॉग से राहत मिलेगी;

Update: 2017-11-10 14:34 GMT

नोएडा।  एनजीटी  के आदेश से शहर में चल रहे निर्माण संबंधित कार्यों पर रोक लगने से जहा वातावरण में बढ़ रहे स्मॉग से राहत मिलेगी। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा। वहींए मेट्रो की दो बड़ी परियोजना प्राधिकरण की आधा दर्जन परियोजना के साथ बिल्डर की दर्जनभर परियोजनाओं ब्रेक लग गए है। यह रोक कब तक होगी एनजीटी ने यह भी स्पष्ट नहीं किया है। ऐसे में मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप दिसंबर में 50 हजार फ्लैट बायर्स का सपना भी अधर में लटक चुका है। इन लोगों को मकानों के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। 

शहर में एक सप्ताह से स्मॉग की मात्रा बढ़ती जा रही है। प्राधिकरण व प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम भी नाकाफी साबित हो चुके है। ऐसे में एनजीटी ने एक याचिका पर सख्त कदम उठाते हुए सभी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। इसका असर से प्रदूषण को बढ़ने से रोक तो लगेगी लेकिन प्राधिकरण व मेट्रो व मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना पर ब्रेक लगा दिए है। दरअसल, डीएमआरसी व एनएमआरसी की नोएडा से ग्रेटरनोएडा परियोजना अंतिम चरण में है।

जनवरी में इस पर ट्रायल शुरू होना था। लेकिन कंस्ट्रक्शन पर रोक लगने से इसके निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। इसके अलावा प्राधिकरण की सेक्टर-18 स्थित मल्टीलेवल पार्किंग इसके दिसम्बर में खोला जाना था। इसपर भी ब्रेक लग गया है। यही नहीं सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल, सेक्टर-33 स्थित शिल्प हॉट, सेक्टर-1, 3, 5 के अलावा सेक्टर-16 में बन रही भूमिगत पार्किंग, सेक्टर-37 बोटेनिकल गार्डन पर मल्टीलेवल पार्किंग, सेक्टर-60 फ्लैक्स अंडरपास, सेक्टर-24, 32 अंडरपास का निर्माण पर भी चल रहा है।

एनजीटी के आदेश के बाद इनके निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। आदेश में हॉट मिक्सिंग प्लांट के अलावा सभी तरह के ऐसी कंपनी या कचरा कूड़ा जिसके जलाने या धुंए से प्रदूषण होता है रोक लगा दी गई है। मसलन शहर में सड़कों की रि.सर्फेसिंग के काम पर भी रोक लग चुकी है। यह आदेश एनजीटी के अग्रिम सुनवाई तक जारी रहेगा। 

कब सच होगा 50 हजार खरीदार का सपना

मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप दिसम्बर तक शहर के बिल्डरों को 50 खरीदार को फ्लैट दिए जाने थे। इसके लिए मंत्रियों की समिति द्वारा भी लगातार बैठक ली जा रही थी। लेकिन अब यह सपना सच होने में समय लग सकता है।

दरसअल, एनजीटी के आदेश में स्पष्ट है कि न तो कोई ट्रक या माल वाहक वाहन कंस्ट्रक्शन माल लेकर जाएगा और न ही मिक्सिंग प्लांट चलेंगे। इसके अलावा बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी है। यह आदेश भी अग्रिम सुनवाई तक है। ऐसे में आदेश ने खरीदारों की मुसीबतें तो बढ़ा दी है लेकिन स्वास्थ्य के प्रति चिंता को कम कर दिया है।

एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करने पर प्राधिकरण ने लगाया 97 लाख 72 हजार का जुर्माना 

 बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी के आदेशों का पालन कराने के लिए प्राधिकरण सख्त है। इसकी बानगी प्राधिकरण द्वारा निरंतर चलाए जा रहे अभियान से स्पष्ट है। महज दो दिन के अंदर प्राधिकरण ने बिल्डर समेत छोटे बड़े कंस्ट्रक्शन से बढ रहे प्रदूषण को लेकर संस्थानों के मालिकों पर 97 लाख 72 हजार का जुर्माना लगाया है।

यह जुर्माना सात दिन के अंदर एनजीटी के खाते में जमा करना होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमिटी ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल के दौरे के निर्देशों के बाद प्राधिकरण के सभी वर्क सर्किल के अधिकारी अपने क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन को लेकर निरीक्षण कर रहे है। खुले में निर्माण सामग्री, पानी का छिड़काव नहीं करने, निर्माण कार्य के दौरान एनजीटी के नियमों की अवहेलना करने का निरीक्षण किया जा रहा था। जिसके बाद दो दिनों के अंदर प्राधिकरण ने कुल 97 लाख 72 हजार का जुर्माना लगाया है।

बताते  चले कि इसमें 51 संस्थान मालिकों पर आठ नवम्बर को कार्यवाही करते हुए 62 लाख 37 हजार का जुर्माना लगाया गया। वहीं, गुरुवार को प्राधिकरण ने 45 संस्थान मालिकों पर कार्यवाही करते हुए कुल 35 लाख 35 हजार का जुर्माना लगाया है। इससमे 17 ऐसे बिल्डर है जिन पर 5.5 लाख का जुर्माना लगाया गया है। खास बात यह है कि सभी लोगों को सात दिन के अंदर एनजीटी के खाते में जुर्माने की रकम जमा करनी होगी। यही नहीं इन सभी स्थानों पर चल रहे कंस्ट्रक्शन कार्य पर रोक लगा दी गई है। जुर्माने की रकम जमा नहीं करने पर प्राधिकरण द्वारा सख्त कार्यवाही की जाएगी। 

Full View

Tags:    

Similar News