लोकसभा में बिल पर हंगामा, बीजेपी और टीएमसी सांसदों में झड़प होते होते बची

बिल पेश करते समय शाह के भाषण पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद हंगामा करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान भाजपा और टीएमसी सांसदों के बीच झड़प की सूरत बन गई;

Update: 2025-08-20 12:38 GMT

बिल पेश करते समय शाह के भाषण पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद हंगामा करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान भाजपा और टीएमसी सांसदों के बीच झड़प की सूरत बन गई.

- रूस ने कहा, अगर भारत का सामान अमेरिका नहीं जा सकता तो उसे रूस भेज दें

- अफगानिस्तान लौट रहे शरणार्थियों की बस की टक्कर में 76 से ज्यादा लोगों की मौत

- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला

- गंभीर आरोपों में गिरफ्तार सीएम और मंत्रियों को हटाने के लिए संविधान संशोधन बिल लाएगी सरकार

लोकसभा में बिल पर हंगामा, बीजेपी और टीएमसी सांसदों में झड़प होते होते बची

लोकसभा में बुधवार दोपहर में संविधान (130वां संशोधन) बिल, 2025 लाने के प्रस्ताव पर काफी हंगामा हुआ. यह बिल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रखना चाहते हैं. बिल में ऐसे केंद्रीय या राज्य मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान है, जिस पर भ्रष्टाचार या गंभीर आरोप हों और जिन्हें कम से कम 30 दिन तक हिरासत में रखा गया हो.

बिल पेश करते समय शाह के भाषण पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद हंगामा करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान भाजपा और टीएमसी सांसदों के बीच झड़प की सूरत बन गई.

कांग्रेस सांसदों ने भी बिल का विरोध किया. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने बिल का विरोध करते हुए शाह के खिलाफ शोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले का जिक्र किया. इस पर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने गिरफ्तारी से पहले गुजरात के गृह मंत्री का पद छोड़ दिया था.

हंगामे के बीच सांसदों ने बिल फाड़कर कागज के टुकड़े शाह की तरफ फेंके, जिसके बाद सभापति ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

मस्क की ‘तीसरी राजनीतिक पार्टी’ बनाने की योजना पर ब्रेक, कंपनियों पर फोकस

अरबपति कारोबारी इलॉन मस्क की अमेरिका में तीसरी राजनीतिक पार्टी बनाने की योजना फिलहाल रुकती नजर आ रही है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक मस्क ने अपने करीबी सहयोगियों से कहा है कि वह नई पार्टी पर फिलहाल ब्रेक लगाकर अपनी कंपनियों पर ध्यान देना चाहते हैं.

मस्क ने जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ कर और खर्च से जुड़े “बिग, ब्यूटीफुल बिल” पर विवाद के बाद एक नई पार्टी बनाने की घोषणा की थी. पार्टी का नाम ‘अमेरिका पार्टी’ रखने की बात भी कही गई थी. उन्होंने दावा किया था कि यह पार्टी अमेरिका में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के बीच एक नया विकल्प बनेगी.

जुलाई में राष्ट्रपति ट्रंप ने मस्क की इस योजना का मजाक उड़ाया था, जबकि टेस्ला के सीईओ ने कहा था कि उनकी पार्टी अमेरिकी मतदाताओं को ‘सच्ची आजादी दिलाएगी.

डब्ल्यूएसजे की रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने उपराष्ट्रपति जेडी वैंस के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने की कोशिश की है, जो ट्रंप के मागा (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) राजनीतिक आंदोलन के संभावित उत्तराधिकारी हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मस्क ने अपने सहयोगियों के सामने यह भी स्वीकार किया कि राजनीतिक पार्टी बनाने से वैंस के साथ उनके संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है.

अफ्रीकी संघ ने पुराने नक्शे का किया विरोध, कहा अफ्रीका का असल आकार दिखाएं

अफ्रीकी संघ का कहना है कि 16वीं सदी के बने दुनिया के नक्शे की जगह ऐसा नक्शा अपनाया जाना चाहिए जो अफ्रीका के असली आकार को सही ढंग से दिखाता हो.

दुनिया भर में आज भी ज्यादातर सरकारें, अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं, स्कूल और टेक कंपनियां मर्केटर प्रोजेक्शन वाला नक्शा इस्तेमाल करती हैं. इस नक्शे में ध्रुवों के पास के इलाके जैसे उत्तरी अमेरिका और ग्रीनलैंड को बड़ा दिखाया गया है, जबकि अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका को छोटा दिखाया गया है.

हालांकि गूगल मैप्स ने 2018 में डेस्कटॉप पर थ्री डी ग्लोब व्यू शुरू कर दिया था, फिर भी मोबाइल ऐप पर अभी भी मर्केटर नक्शा ही डिफॉल्ट रूप से दिखता है.

एयू की उपाध्यक्ष सेल्मा मलिका हद्दादी ने कहा, “यह सिर्फ नक्शा नहीं है, बल्कि सोच पर असर डालने वाला एक जरिया है. मर्केटर नक्शा यह गलत छवि बनाता है कि अफ्रीका छोटा और गैर-जरूरी है, जबकि असल में अफ्रीका दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है और इसमें एक अरब से ज्यादा लोग रहते हैं.”

उन्होंने कहा कि इस तरह की गलत तस्वीरें मीडिया, शिक्षा और नीतियों पर भी असर डालती हैं.

अमेरिका की मध्यस्थता में पेरिस में सीरिया–इस्राएल वार्ता, इलाके में शांति पर जोर

सीरिया के विदेश मंत्री ने मंगलवार को पेरिस में इस्राएली प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इस मुलाकात के मुख्य मुद्दे रहे – इलाके में तनाव कम करना और सीरिया के आंतरिक मामलों में इस्राएल की दखलंदाजी को बंद कराना. यह जानकारी सीरियाई सरकारी समाचार एजेंसी सना ने दी है.

एजेंसी के मुताबिक, अमेरिका की मध्यस्थता से हुई इस बैठक में कुछ समझौते हुए हैं जो क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देंगे. बैठक में 1974 के उस समझौते को फिर से लागू करने पर भी चर्चा हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच बफर जोन बनाने का निर्णय लिया गया था. अमेरिका हाल के हफ्तों से सीरिया और लेबनान में सुरक्षा मुद्दों को हल करने की कोशिश कर रहा है.

पेरिस की यह बैठक, जुलाई में बाकू में हुई सीरिया–इस्राएल वार्ता और उससे पहले पेरिस में ही हुई मुलाकात का अगला चरण है.

इस्राएल लेबनान में हिज्बुल्लाह पर और सीरिया में कई ठिकानों पर हमले करता रहा है. इस्राएल का कहना है कि ये हमले उसकी सुरक्षा के लिहाज से जरूरी हैं.

अफगानिस्तान लौट रहे शरणार्थियों की बस की टक्कर में 76 से ज्यादा लोगों की मौत

पश्चिमी अफगानिस्तान में एक बस, मोटरसाइकिल और ईंधन से भरे ट्रक की टक्कर में कम से कम 76 लोगों की मौत हो गई और 3 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. यह हादसा मंगलवार रात को अफगानिस्तान के हेरात प्रांत के गुजारा जिले में हुआ. गुजारा पुलिस के अनुसार, टक्कर के बाद बस और ट्रक में भीषण आग लग गई. मौके पर पहुंचे लोगों ने जल चुकी बस का मलबा देखा.

तालिबान सरकार के प्रवक्ता मोहम्मद यूसुफ सईदी ने बताया कि मृतकों में कई बच्चे भी शामिल हैं. शवों को सेना के अस्पताल में ले जाया गया है, लेकिन कई लाशें इतनी बुरी तरह झुलस गई हैं कि पहचानना मुश्किल हो गया है.

यह बस उन अफगान प्रवासियों को वापस काबुल लेकर जा रही थी जिन्हें हाल ही में ईरान से निकाला गया था. संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी के मुताबिक, इस साल अब तक ईरान और पाकिस्तान से 15 लाख से अधिक लोग अफगानिस्तान लौट चुके हैं.

रूस ने कहा, अगर भारत का सामान अमेरिका नहीं जा सकता तो उसे रूस भेज दें

रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए “अनुचित” टैरिफ को दोहरे मापदंड बताते हुए कड़ी आलोचना की है. साथ ही, रूस ने भारत के समर्थन में कहा, “अगर भारतीय सामान अमेरिका नहीं जा सकता, तो उसे (भारत) अन्य बाजारों जैसे रूस भेज दे”. उन्होंने यह खासतौर पर तेल निर्यात के संदर्भ में कहा.

इसके साथ ही यह भी बताया गया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्दी ही भारत की यात्रा करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यापार एवं भुगतान तंत्र को मजबूत करने पर बातचीत करेंगे.

रूसी दूतावास ने भारत को “बहुत अहम” बताया और कहा कि भारत के लिए उनके कच्चे तेल के निर्यात पर पांच फीसदी की छूट है. इसका जिक्र करते हुए वे ये कहने से भी नहीं चूके कि रूसी कच्चे तेल का गुणवत्ता में कोई सानी नहीं है.

गौरतलब है कि यह बयान तब आ रहे हैं जब भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास आ रही है. हाल ही में ट्रंप सरकार ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है.

सीधी उड़ानें शुरू करने और व्यापार बढ़ाने पर सहमत हुए भारत और चीन

भारत और चीन ने मंगलवार को सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने और व्यापार एवं निवेश प्रवाह बढ़ाने पर सहमति जताई. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश सीधी उड़ानें फिर से शुरू करेंगे और व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देंगे. इसके तहत, तीन बिंदुओं पर सीमा व्यापार फिर से शुरू किया जाएगा और वीजा से जुड़ी सुविधाएं दी जाएंगी.

भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें साल 2020 की कोविड महामारी के समय से बंद हैं. हालांकि, अभी यह नहीं बताया गया है कि फ्लाइट दोबारा कब से शुरू होंगी.

यह घोषणाएं चीनी विदेश मंत्री वांग यी की दो दिवसीय भारत यात्रा के बाद हुई हैं. वांग यी ने 18 और 19 अगस्त को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, भारतीय एनएसए अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान एनएसए डोभाल से दशकों पुराने सीमा विवाद पर भी चर्चा हुई.

ट्रंप ने कहा, “यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिकी सैनिक नहीं भेजेंगे”

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने साफ कहा है कि अमेरिका यूक्रेन की रक्षा के लिए अपने सैनिक नहीं भेजेगा. जबकि एक दिन पहले ही वे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिले थे और ऐसा माना जा रहा था कि शायद ट्रंप यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिकी पीसकीपिंग फोर्स वहां भेज सकते हैं. इस बयान ने उन सभी कयासों पर पानी फेर दिया है.

ट्रंप ने यह भी साफ किया कि यूक्रेन का नाटो में शामिल होना और रूस से क्रीमिया प्रायद्वीप को वापस पाना "असंभव" है. सोमवार को वॉशिंगटन में ट्रंप, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने को लेकर कई घंटों तक बातचीत हुई.

इससे पहले व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने यह संभावना खुली छोड़ी थी कि अमेरिकी सैनिक यूरोप की अगुवाई वाले किसी अभियान में हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन अब उन्होंने इस संभावना को भी नकार दिया है.


गंभीर आरोपों में गिरफ्तार सीएम और मंत्रियों को हटाने के लिए संविधान संशोधन बिल लाएगी सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश करेंगे. इनमें 130वां संविधान संशोधन बिल, 2025 भी शामिल है. इस बिल में ऐसे केंद्रीय या राज्य मंत्रियों को हटाने का प्रावधान है, जिन पर भ्रष्टाचार या गंभीर अपराधों के आरोप हैं और कम से कम 30 दिनों से हिरासत में हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई ने लोकसभा की लिस्ट ऑफ बिजनेस के हवाले से यह जानकारी दी है.

अमित शाह इसके अलावा, गर्वनमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल, 2025 भी पेश करेंगे. इन संशोधनों के बाद केंद्र शासित प्रदेशों और जम्मू-कश्मीर में भी गंभीर आपराधिक आरोपों के चलते गिरफ्तार हुए मंत्रियों या मुख्यमंत्री को भी उनके पद से हटाया जा सकेगा.

अमित शाह इन बिलों को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव भी रखेंगे. इस समिति में लोकसभा के 21 सदस्य होंगे, जिन्हें स्पीकर द्वारा नॉमिनेट किया जाएगा और राज्यसभा के 10 सदस्य होंगे, जिन्हें उपसभापति द्वारा नॉमिनेट किया जाएगा.

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह उनके आवास पर आयोजित ‘जनसुनवाई’ के दौरान हमला हुआ. हमलावर, जो खुद को शिकायतकर्ता बताकर बैठक में पहुंचा था, उसने अचानक मुख्यमंत्री को थप्पड़ मार दिया . हालांकि, सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया और अब उससे पूछताछ की जा रही है. वहीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.

आरोपी ने कागजात दिखाने के बहाने मुख्यमंत्री से बातचीत शुरू की और अचानक उन पर हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि आरोपी ने रेखा गुप्ता को थप्पड़ मारा और उनके बाल खींचे.

एक पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि आरोपी का नाम राजेश भाई किमजी भाई सकरिया है और उसकी उम्र 41 साल है. वह भारत के राज्य गुजरात के शहर राजकोट का रहने वाला है. पूर्व मुख्यमंत्री और आप नेता आतिशी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.

राजनीतिक जगत में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. 2011 में जहां एनसीपी नेता शरद पवार को थप्पड़ मारा गया था, वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी 2019 में ऐसी एक घटना का शिकार हुए थे

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