यूपी में 5 करोड़ कोरोना जांच का बना नया कीर्तिमान

उत्तर प्रदेश में पांच करोड़ कोरोना जांच कर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने नया कीर्तिमान बनाया है;

Update: 2021-06-03 02:39 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पांच करोड़ कोरोना जांच कर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने नया कीर्तिमान बनाया है। अभी तक इस संख्या को किसी भी प्रदेश ने पार नहीं किया है। प्रदेश सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रेस, टेस्ट ट्रीट के मंत्र को अपनाते हुए जमीनी स्तर पर तेजी से कार्य किए, जिसका परिणाम है कि प्रदेश में न सिर्फ कोरोना की रफ्तार घटी है, बल्कि प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। प्रदेश सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार, कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए योगी सरकार ने ट्रेसिंग-टेस्टिंग पर जोर दिया। प्रदेश में शुरू से ही एग्रेसिव रणनीति अपनाई गई। यही कारण है कि आज प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कुल 3,31,511 टेस्ट किए गए, जबकि 1514 नए केस की पुष्टि हुई।

प्रदेश का रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गया है। पीक से एक्टिव मरीजों की संख्या में लगभग 93 प्रतिशत की कमी हुई है। प्रदेश में एक्टिव कोविड मरीजों की कुल संख्या 30 हजार से भी कम हो चुकी है। वर्तमान में 28,694 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं। अब तक 16 लाख 44 हजार 511 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अंचलों पर विशेष ध्यान देते हुए प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग पर जोर दिया। बीते दो महीनों में कोरोना की जांचों में 70 प्रतिशत जांचें ग्रामीण इलाकों में की गई। ग्रामीण अंचल में कोरोना पर लगाम लगाने के इस योगी मॉडल अन्य राज्यों से बेहतर साबित हुआ है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गत अप्रैल माह में 61 से अधिक टेस्ट हुए जिसमें लगभग 63 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में थे। मई माह में कुल लगभग 85 लाख टेस्ट हुए जिसमें लगभग 70 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में थे।

कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए सीएम योगी ने ठोस कदम उठाते हुए जमीनी स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर दिया। प्रदेश के हर जिले में सैनिटाइजेशन, जांच, वैक्सीनेशन के कार्यो पर जोर दिया गया। इसके चलते आज प्रदेश के 64 जिलों में 600 से कम एक्टिव केस रह गए हैं। ऐसे में इन जनपदों के मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में सीमित संख्या के साथ जनरल ओपीडी को शुरू किया जाएगा। ओपीडी व्यवस्था में जारी दिशा निर्देशों के अनुसार और कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार ही इलाज किया जाएगा।

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