नोटबंदी का 'मध्यम अवधि' में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा : एडीबी
नई दिल्ली ! भारत की नोटबंदी का 'मध्यम अवधि' में अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसकी वजह बैंकों के कर्ज देने की क्षमता में वृद्धि और कुल जमा लागत में कमी आने से इनके मुनाफे में वृद्धि;
नई दिल्ली ! भारत की नोटबंदी का 'मध्यम अवधि' में अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसकी वजह बैंकों के कर्ज देने की क्षमता में वृद्धि और कुल जमा लागत में कमी आने से इनके मुनाफे में वृद्धि की संभावना है। एशियाई विकास बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, "नोटबंदी का मध्यम अवधि में एक सकारात्मक असर पड़ने की संभावना है। ज्यादातर लोगों के अपनी बचत के बैंकिंग प्रणाली में डालने से बैंकों के पास ज्यादा धन कम दर कर्ज देने के लिए होगा। जमा राशि लागत में कमी से बैंकों का मुनाफा सुधरेगा, जिससे उनकी आगे कर्ज देने की क्षमता में सुधार होगा।"
एडीबी के प्रमुख आर्थिक प्रकाशन एशियन डेवलेपमेंट आउटलुक-2017 में कहा गया है, "वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के आगामी क्रियान्वयन के साथ नोटबंदी से कर का दायरा बढ़ेगा और कर अनुपालन में सुधार आएगा।"
इसमें कहा गया, "हालांकि, नए नोटों को जारी करने में प्रगति से स्थिति में तेजी से सुधार की उम्मीद है। अस्थायी रूप से मांग में कमी आने से मुद्रास्फीति में भी गिरावट आई। नोटबंदी के रुपये के बैंकों में आने से बैंकों के जमा राशि में बढ़ोतरी हुई और कर्ज दर में कमी आई।"
भारत सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया था।