निर्धारित समय पर होंगी नीट और जेईई परीक्षाएं : एनटीए

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी;

Update: 2020-08-22 00:49 GMT

नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी, जबकि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एक से छह सितंबर के बीच आयोजित होगी। एनटीए ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट में परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग को लेकर निरस्त की गई याचिकाओं के बाद अब परीक्षाएं स्थगित करने का कोई कारण नहीं है।

एनटीए ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है, "हम मानते हैं कि कोरोनावायरस महामारी चल रही है, लेकिन कुल मिलाकर जीवन चलता रहेगा। छात्रों का भविष्य अधर में नहीं लटकाया जा सकता और न ही एक शैक्षिक सत्र को बर्बाद किया जा सकता है।"

यानी अब एहतियात बरतते हुए परीक्षाएं होंगी और इन्हें स्थगित नहीं किया जाएगा।

इससे पहले दिन में आईएएनएस ने बताया था कि सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि परीक्षा विस्तृत व्यवस्था के साथ निर्धारित की जा सकती है।

सूत्रों ने दावा किया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष नीट केंद्रों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और साथ ही संकेत दिया है कि प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं।

इसके अलावा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर उम्मीदवारों की सुविधा के लिए एनटीए ने जेईई (मेन) के उम्मीदवारों को अपने केंद्र शहरों को पांच बार बदलने का विकल्प प्रदान किया है और 63,931 उम्मीदवारों ने समान लाभ भी उठाया है। इसी तरह का विकल्प नीट (यूजी) के उम्मीदवारों को भी दिया गया है और उनमें से लगभग 95,000 ने इसका लाभ उठाया है।

एनटीए ने कहा, "एनटीए ने इन परीक्षाओं में सभी उम्मीदवारों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं।"

इससे पहले शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिवाली तक नीट व जेईई परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने चेताते हुए कहा कि यह परीक्षाएं दिवाली तक स्थगित कर दी जानी चाहिए, नहीं तो युवा आत्महत्या जैसा कदम भी उठा सकते हैं।

मोदी को लिखे अपने महत्वपूर्ण पत्र में स्वामी ने कहा, "मेरी राय में परीक्षा आयोजित करने से देश भर के युवाओं द्वारा बड़ी संख्या में आत्महत्याएं की जा सकती हैं।"
 

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