माब लिचिंग के लिये सख्त कानून बनाने की जरूरत: मायावती

बहुजन समाज पार्टी(बसपा)अध्यक्ष मायावती ने माब लिचिंग के लिये सख्त कानून बनाये जाने की मांग करते हुये कहा कि इसके शिकार अब केवल दलित;

Update: 2019-07-13 17:01 GMT

लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी(बसपा)अध्यक्ष मायावती ने माब लिचिंग के लिये सख्त कानून बनाये जाने की मांग करते हुये कहा कि इसके शिकार अब केवल दलित, आदिवासी व धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग तथा पुलिस भी बन रही हैं।

सुश्री मायावती ने आज यहां जारी बयान में कहा कि भीड़ हिंसा (माब लिचिंग) एक भयानक बीमारी के रूप में देशभर में फैल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह रोग भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकारों की क़ानून का राज स्थापित नहीं करने की वजह से हो रहे है। इसके शिकार अब केवल दलित, आदिवासी व धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग तथा पुलिस भी बन रही हैं।

माब लिन्चिग एक भयानक बीमारी के रूप में देश भर में उभरने के पीछे वास्तव में खासकर बीजेपी सरकारों की क़ानून का राज स्थापित नहीं करने की नीयत व नीति की ही देन है जिससे अब केवल दलित, आदिवासी व धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग व पुलिस भी शिकार बन रही है।

— Mayawati (@Mayawati) July 13, 2019


 

उन्होंने कहा कि माब लिंचिग की घटना पहले भी इक्का-दुक्का हुआ करती थी, लेकिन अब यह घटनायें आम हो गई हैं। देश में लोकतंत्र के हिंसक भीड़तन्त्र में बदल जाने पर सभ्य समाज में चिन्ता की लहर है। उच्चतम न्यायालय ने भी इसका संज्ञान लेकर केन्द्र व राज्य सरकारों को इसके लिये निर्देंश जारी किये हैं। इस मामले में भी केन्द्र व राज्य सरकारें कतई भी गम्भीर नहीं है। 

सुश्री मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग की यह पहल काफी स्वागत योग्य है कि भीड़ हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अलग से नया सख्त कानून बनाया जाय। मसौदे के रूप में ‘‘उत्तर प्रदेश काम्बेटिंग आफ माब लिंचिग विधेयक, 2019‘‘ आयोग ने राज्य सरकार को सौंप कर दोषियों को उम्र कैद की सजा तय किये जाने की सिफारिश की है।

मा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केन्द्र को गम्भीर होकर माब लिन्चिग पर अलग से देशव्यापी कानून अबतक जरूर बना लेना चाहिये था लेकिन लोकपाल की तरह माब लिंचिग के मामले में भी केन्द्र उदासीन है व कमजोर इच्छाशक्ति वाली सरकार साबित हो रही है। ऐसे मे यूपी विधि आयोग की पहल स्वागतोग्य है।

— Mayawati (@Mayawati) July 13, 2019


 

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्मादी व भीड़ हिंसा की बढ़ती घटनाओं से सामाजिक तनाव काफी बढ़ गया है। हिंसक भीड़ जानती है कि जाति व धर्म के नाम पर वह कानून से खिड़वाड़ कर सकती है। वे मानते हैं कि भाजपा सरकार उनको संरक्षण देगी। ऐसी मनोवृत्ति के कारण ही भीड़ हिंसा की घटनायें रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। 
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव की हालिया घटना भी यह साबित करती है कि सामाजिक जीवन कितना तनावग्रस्त हो गया है और हर किसी को किसी न किसी रूप में प्रभावित कर रहा है, यह अति-दुःखद है। 

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