दिल्ली हाई कोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाई, कहा- साफ हवा नहीं दे सकते, तो एयर फ्यूरीफायर पर कम करें जीएसटी

पीठ ने सवाल किया कि आप जानते हैं, हम एक दिन में कितनी बार सांस लेते हैं, कम से कम 21,000 बार। जरा सोचिए कि आप दिन में 21,000 बार सांस लेकर अपने फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं और यह अनैच्छिक है।;

Update: 2025-12-25 07:19 GMT
नई दिल्ली: एयर-प्यूरीफायर पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाने की मांग वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने वायु गुणवत्ता बहुत खराब होने के बावजूद जीएसटी दरें कम करने की दिशा में कोई कदम न उठाने पर बुधवार को अधिकारियों को फटकार लगाई। सुबह हुई सुनवाइ के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण को आपातकालीन बताते हुए मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि अधिकारी नागरिकों को साफ हवा नहीं दे सकते, तो एयर फ्यूरीफायर पर लगने वाली 18 प्रतिशत जीएसटी की दरों को तो कम कर सकते हैं। कोर्ट ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर कुछ भी न करने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को शुद्ध हवा की जरूरत है, लेकिन अधिकारी मुहैया नहीं करा पा रहे हैं।

सरकार को सहानुभूतिपूर्ण नजरिया अपनाना चाहिए
पीठ ने सवाल किया कि आप जानते हैं, हम एक दिन में कितनी बार सांस लेते हैं, कम से कम 21,000 बार। जरा सोचिए कि आप दिन में 21,000 बार सांस लेकर अपने फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं और यह अनैच्छिक है। मामले में दोपहर के बाद हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से सूचित किया गया कि जीएसटी परिषद की बैठक पर वित्त मंत्रालय निर्णय लेता है। एयर प्यूरीफायर को 'चिकित्सा उपकरण' के तौर पर वर्गीकृत करने और उस पर लगने वाले जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने के मुद्दे पर विचार करने के लिए अदालत ने (जीएसटी) परिषद की एक तत्काल बैठक बुलाने को कहा है।
कोर्ट ने कहा, संसदीय स्टैंडिंग कमेटी की दिसंबर में पेश की गई एक रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि सरकार को सहानुभूतिपूर्ण नजरिया अपनाना चाहिए और एयर प्यूरीफायर में इस्तेमाल होने वाले एचईपीए फिल्टर पर जीएसटी या तो खत्म कर देना चाहिए या कम कर देना चाहिए।
पीठ ने कहा कि कोर्ट को सूचित किया गया है, जीएसटी परिषद पूरे भारत में फैली हुई है और बैठक बुलाने में कुछ समय लग सकता है। हालांकि, दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता की स्थिति को देखते हुए जीएसटी परिषद को जल्द से जल्द बैठक करनी चाहिए। दिल्ली और उसके आसपास की खराब हवा की गुणवत्ता को देखते हुए इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए।

एयर प्यूरीफायर को लग्जरी नहीं माना जा सकता
कोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा को कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक कितनी जल्दी हो सकती है, इस बारे में निर्देश मांगें। साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई शीतकालीन पीठ के समक्ष 26 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी। यह भी कहा कि अगर परिषद की बैठक भौतिक रूप से संभव नहीं है, तो इसे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये करने पर विचार किया जा सकता है। अधिवक्ता कपिल मदान ने जीएसटी दर कम करने की मांग कर कहा कि दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण पैदा हुए अत्यधिक आपातकालीन संकट को देखते हुए एयर प्यूरीफायर को लग्जरी नहीं माना जा सकता। यह आर्थिक रूप कमजोर वर्ग पर एक मनमाना, अनुचित व संवैधानिक रूप से अस्वीकार्य बोझ डालता है। याचिका में कहा गया कि एयर प्यूरीफायर केंद्र द्वारा जारी 2020 की अधिसूचना के तहत चिकित्सा उपकरण के मानदंडों को पूरा करता है। याचिका में कहा गया कि एयर प्यूरीफायर सुरक्षित सांस लेने और जानलेवा खतरों को कम करके एक जरूरी चिकित्सा उपकरण का काम करते हैं।

केजरीवाल ने भी की थी जीएसटी घटाने की मांग
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए एयर प्यूरीफायर पर लगने वाले जीएसटी में छूट देने को लेकर केंद्र सरकार कदम उठाने को कहा है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि उनकी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी घटाने की मांग की थी।
आप ने कहा है कि कुछ समय पहले ही केजरीवाल ने केंद्र सरकार से कहा था कि अगर सरकार प्रदूषण का समाधान नहीं दे सकती तो कम से कम एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी ही हटाकर जनता को राहत दे। उन्होंने कहा था कि दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत की हवा जहरीली हो गई है और केंद्र सरकार इसका समाधान देने के बजाय जनता से भारी भरकम टैक्स वसूल रही है।
केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार से एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी नहीं लेने की मांग की थी। आप ने कहा है कि अब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी यही बात कहते हुए सरकार से जरूरी कदम उठाने को कहा है। आप ने कहा है कि दिल्ली के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। आप के दिल्ली संयाेजक साैरभ भारद्वाज ने पिछले महीने केजरीवाल द्वारा एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी नहीं लेने की मांग का एक्स पर की गई पोस्ट भी साझा की। समाप्त-वी के शुक्ला, 24 दिसंबर 2025

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