कृषि को लाभकारी बनाने के लिए ढांचागत बदलाव की जरूरत : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए ढांचागत बदलाव की जरूरत है;

Update: 2019-01-18 01:29 GMT

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए ढांचागत बदलाव की जरूरत है। 

उन्होंने कृषि क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए दीर्घकालिक समाधान तलाशने के साथ-साथ 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार, वैज्ञानिक समुदाय, कृषि विज्ञान विज्ञान केंद्र और किसानों से सामूहिक प्रयास करने करने की अपील की। 

उपराष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, हैदराबाद में दो दिवसीय एग्री-विजन-2019 सम्मेलन के उद्घाटन पर नायडू ने कहा कि कृषि क्षेत्र की चुनौतियों के व्यापक और दीर्घकालिक समाधान के लिए सभी हितधारकों द्वारा गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "कृषि ऋण माफी जैसे उपाय तात्कालिक है और इससे किसानों को दीर्घकालिक लाभ नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा कि उत्पादकता में गिरावट, प्राकृतिक संसाधनों की कमी और अवमूल्यन, खाद्यान की तेजी से बढ़ती मांग, एक स्तर पर टिकी कृषि आय, छोटे भूखंड के तथा अप्रत्याशित जलवायु परिवर्तन भारतीय कृषि की प्रमुख चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कृषि लाभकारी नहीं होगी और सतत आय सुनिश्चित करने के लिए किसानों को कृषि से संबंधित कार्यो में खुद को संगलग्न रखना होगा। 

उन्होंने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत है और यह क्षेत्र देश के कार्यबल के 50 प्रतिशत को रोजगार प्रदान करता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसान अनुकूल बाजार, पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज की सुविधाएं, रेफ्रिजरेटर वैन, मूल्यवर्धन के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर रियायती ऋण प्रदान करके और किसानों तक नवाचारों तथा प्रौद्योगिकी की पहुंच सुनिश्चित करके कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। 

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