मुस्लिम संगठन का आग्रह, प्रधानमंत्री सोशल मीडिया पर समुदाय के खिलाफ घृणा सामग्री रुकवाएं

तबलीगी मरकज घटना के बाद सोशल मीडिया पर मुसलमानों के खिलाफ घृणा से भरी सामग्रियों को पोस्ट किए जाने के बीच एक मुस्लिम संगठन ने मोदी से इन मंचों पर घृणा फैलाने वाले संदेशों पर रोक लगाने की मांग की है;

Update: 2020-04-07 21:46 GMT

नई दिल्ली। तबलीगी मरकज घटना के बाद सोशल मीडिया पर मुसलमानों के खिलाफ घृणा से भरी सामग्रियों को पोस्ट किए जाने के बीच एक मुस्लिम संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन मंचों पर घृणा फैलाने वाले संदेशों पर रोक लगाने की मांग की है। ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरात के प्रमुख नवेद हामिद ने कहा, "समन्वयित तरीके से डिजिटल हेट कैंपेन के 30 हजार क्लीप टिक-टॉक पर फैलाए जा रहे हैं, जिसमें दुष्प्रचार किया जा रहा है कि मुस्लिमों ने देश में कोविड-19 का प्रसार किया है और ये क्लिप भारत में समुदायों के बीच तनाव पैदा कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि कई मुख्यमंत्रियों खासकर के दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वे अपने राज्यों में किसी भी प्रकार के घृणा से भरे संदेशों की इजाजत नहीं देंगे। केंद्र सरकार को भी कोरोनावायरस से संबंधित दुष्प्रचार को लेकर चेतावनी जारी करनी चाहिए।

हामिद ने कहा, "हम देशव्यापी स्वास्थ्य आपातकाल के समय में सामाजिक वैमनस्य और अशांति पैदा करने के उद्देश्य से प्रसारित किए जा रहे हेट कैंपेन की छानबीन करने का आग्रह करते हैं और यह उचित होगा अगर संबंधित मंत्रालय तुरंत ऐसी घृणा फैलाने वाली सामग्रियों को हटाने के लिए टिक-टॉक के समक्ष यह मुद्दा उठाए।"

मुस्लिम नेता ने कहा, "टिक-टॉक के अलावा, फेसबुक, ट्विटर भी इस तरह के संदेशों को फैलाने का आसान माध्यम बन गया है।"

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रविवार को तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी और कहा था कि इसके आतंकवादियों के तार जुड़े हैं।
 

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