शहर की डेरियों से नगर निगम अनजान
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नगर-निगम भी नींद से जागता नजर आ रहा है। हालांकि शहर से यह पशु डेरियां हटेंगी या नहीं, यह तो समय बताएगा;
मेरठ। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नगर-निगम भी नींद से जागता नजर आ रहा है। हालांकि शहर से यह पशु डेरियां हटेंगी या नहीं, यह तो समय बताएगा। नगर निगम कर्मचारियों को खुद इस बात का पता नहीं है कि शहर में कितनी डेयरी है, जबकि उन्होंने हाल ही में 815 डेयरी होने की बात कही थी, जबकि अब तक तीन हजार से ज्यादा डेयरी संचालक निगम में कैटल कालोनी में आवेदन के लिए आ चुके है।
बता दें कि शहर के लिए नासूर बनी डेरियों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए नगर आयुक्त को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने तलब किया। जिस कारण वह इलाहाबाद रवाना हो गए। हाईकोर्ट ने पूछा कि आखिर क्या कारण है कि शहर से पशु डेरियों को शहर से बाहर नहीं किया गया। इस पर उन्होंने जल्द कार्रवाई करने की बात कही। जिसके बाद हाईकोर्ट ने आगामी 30 जून तक इन सभी पशु डेरियों को शहर से बाहर का रास्ता दिखाने की बात कही। वहीं इसी मामले को लेकर नगरायुक्त डा. अरविंद चौरसिया ने स्वास्थ्य अधिकारी गजेंद्र सिंह को आदेशित किया कि वह निगम के अंतर्गत आने वाली सभी डेरियों की संख्या विभाग के सुपुर्द करें, ताकि आगे की कार्रवाई की जाए।
वहीं प्रवर्तन दल का दल भी रोजाना शहर में स्थापित डेयरियों को बाहर करने की लगातार कोशिश कर रहा हैं, लेकिन अगले सप्ताह निगम प्रशासन को उच्च न्यायालय को डेयरियों के मामले में जबाव देना हैं। ऐसे में तो माना जा रहा हैं कि निगम अधिकारियों को एक बार फिर उच्च न्यायालय से कड़ी फटकार लगेगी।