मप्र : मंदसौर हत्याकांड में आया भाजपा कार्यकर्ता का नाम, सियासत गर्म
मध्य प्रदेश जिले में गुरुवार की रात नगरपालिका अध्यक्ष व भाजपा नेता प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में भाजपा के एक कार्यकर्ता का ही नाम आया है;
मंदसौर/भोपाल। मध्य प्रदेश जिले में गुरुवार की रात नगरपालिका अध्यक्ष व भाजपा नेता प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में भाजपा के एक कार्यकर्ता का ही नाम आया है। इस हत्याकांड से राज्य की सियासत गरमा गई है। भाजपा जहां कांग्रेस सरकार पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस ने राज्य के बिगड़े हालात के लिए पूर्व की शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
मंदसौर में बंधवार का शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह मौजूद रहे। इस मौके पर शिवराज ने कहा कि उनकी अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी। वे किसी तरह की राजनीति नहीं करना चाहते, मगर राज्य में कहीं भी गड़बड़ हुई तो संघर्ष करेंगे।
वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज के बयान पर तंज सका और कहा कि उनके पास अब बचा क्या है कहने के लिए, वे यही कहकर संतुष्ट रहें। किसी की हत्या राजनीति मुद्दा बने, यह ठीक नहीं। खासकर अगर मामला किसी दल का अंदरूनी मामला हो।
मंदसौर के नगर पुलिस अधीक्षक राकेश मोहन शुक्ल ने शुक्रवार को संवाददाताओं से चर्चा के दौरान आरोपी की पहचान किए जाने का दावा करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता मनीष बैरागी की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। उस पर पहले से ही हत्या के प्रयास, अपहरण सहित आधा दर्जन आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
सूत्रों का कहना है कि बैरागी और बंधवार के बीच सरकारी जमीन को लेकर विवाद था। बंधवार राजी नहीं हो रहे थे, उसी को लेकर बैरागी ने बंधवार को गोली मारी।
बंधवार को गुरुवार की देर शाम कोतवाली थाना क्षेत्र में बीपीएल चौराहे पर सिर में गोली मार दी गई थी, उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हेा गई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा कि इंदौर में संदीप अग्रवाल व मंदसौर में जनप्रतिनिधि बंधवार की हत्या राज्य की लचर कानून व्यवस्था और बढ़ते मनोबल को दर्शाने वाला बताया।
शिवराज ने आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आते ही आपराधिक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण मिलना शुरू हो गया है, अपराधियों के हौसले बुलंद और पुलिस के हौसले ध्वस्त हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी पत्र के जरिए दिया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस प्रशासन को कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए गए हैं। दोनों हत्याकांड की शीघ्र जांच कर आरोपियों को गिफ्तार कर पूरे मामले का जल्द से जल्द ख़ुलासा किया जाए। दोषी कितना भी बड़ा हो, उसे बख्शा नहीं जाए।
कमलनाथ ने दावा किया है कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था के पालन को लेकर गंभीर है। उसमें किसी प्रकार के अपराधी के लिए कोई रियायत नहीं है। प्रदेश को दोबारा शांति का टापू बनाना चाहते हैं। प्रदेश पर वर्षो से लगे देश में अपराधों में शीर्ष प्रदेश के दाग को मिटाना भी लक्ष्य है।
कमलनाथ ने शिवराज द्वारा लगाए गए आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार दिया है और कहा है कि राज्य में हमेशा पुलिस का ही मनोबल ऊंचा रहेगा। कभी गुंडों-अपराधियों का मनोबल ऊंचा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने पूर्व की सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पिछले कई वर्षो से गुंडे-अपराधियों का मनोबल व हौसला बढ़ाया जा रहा था, उसे वर्तमान सरकार जड़ से खत्म करके रहेगी।