मप्र : राज्यपाल लालजी की हिदायत, सरकार लक्ष्मणरेखा पार न करे

मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर टकराव के हालात बनने लगे हैं;

Update: 2020-01-31 23:55 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर टकराव के हालात बनने लगे हैं, क्योंकि राज्य सरकार कानून को संविधान विरोधी बता रही है तो राज्यपाल लालजी टंडन ने राज्य सरकार को मर्यादा याद दिलाई है और कहा कि राज्य सरकारों के लिए भी संविधान में 'लक्ष्मणरेखा' का प्रावधान है। राज्यपाल टंडन ने शुक्रवार को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं के सीएए को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, "संसद में जो प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत से पारित होता है, चाहे वह संविधान में संशोधन हो या उसमें कोई स्पष्टीकरण हो, तो राज्यों केा हमारे संघीय ढांचे की व्यवस्था के मुताबिक उन्हें विरोध करने का अधिकार है, लेकिन संविधान के अनुसार, अपनी मर्यादा को समझना होगा।"

राज्य सरकार और अन्य राज्यों की सरकारों द्वारा कानून का विरोध किए जाने और लागू न किए जाने की टिप्पणी पर पूछे गए सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि संविधान में सरकार के लिए एक लक्ष्मणरेखा है, उसे पार नहीं करना चाहिए।

ज्ञात हो कि राज्य सरकार और कांग्रेस लगातार सीएए का विरोध कर रही है। इतना ही नहीं, खुलेतौर पर मुख्यमंत्री कमल नाथ भी इस कानून को संविधान के खिलाफ बता चुके हैं। एक तरफ जहां सरकार विरोध कर रही है, वहीं राज्यपाल टंडन संविधान की लक्ष्मणरेखा की बात कर रहे हैं, इससे आगामी दिनों में टकराव के हालात बनने के आसार नजर आने लगी है।

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