3 बंदरों वाली प्रतिकृति चोरी, साबरमती आश्रम के सभी हिस्सों में लगेगे सीसीटीवी कैमरे

गांधी के यहां स्थित ऐतिहासिक साबरमती आश्रम से उनसे जुडी मशहूर तीन बंदरों वाली मूर्ति की प्रतिकृति की चोरी होने के मद्देनजर पूरे आश्रम को सीसीटीवी कैमरे के जद में लाने पर विचार किया जा रहा है। ;

Update: 2017-03-06 16:09 GMT

 अहमदाबाद। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के यहां स्थित ऐतिहासिक साबरमती आश्रम से उनसे जुडी मशहूर तीन बंदरों वाली मूर्ति की प्रतिकृति की चोरी होने के मद्देनजर पूरे आश्रम को सीसीटीवी कैमरे के जद में लाने पर विचार किया जा रहा है। यहां साबरमती नदी के तट पर स्थित इस आश्रम की स्थापना महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से वापसी पर की थी और वह यहां 1933 तक रहे थे जिस दौरान स्वतंत्रता संग्राम से जुडे कई ऐतिहासिक फैसले भी यहीं लिये गये थे।

बुरा नहीं बोलने, सुनने और देखने की सीख देने वाली उक्त मूर्ति को एक जापानी बौद्ध भिक्षु ने गांधीजी को भेंट किया था। यह आश्रम इस वर्ष अपनी स्थापना की शताब्दी मनायेगा। आश्रम संरक्षण के लिए बने ट्रस्ट के निदेशक तथा जाने माने गांधीवादी त्रिदीब सुहर्द ने आज यूनीवार्ता को बताया कि करीब दस दिन पहले आश्रम में रखी तीन बंदरों की प्रतिकृति की चोरी हो गयी थी हालांकि असली मूर्ति दिल्ली के शिल्प संग्रहालय में सुरक्षित रखी है।

आश्रम में भी प्रदर्शन के लिए रखी गयी अधिकतर चीजे मूल वस्तुओं की प्रतिकृतियां ही हैं। और असली वस्तुओं को इलेक्ट्रानिक सुरक्षा में रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब आश्रम में हर जगह सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव न्यासी मंडल के समक्ष रखा जाएगा।

यह बात भी सुनिश्चित की जाएगी कि सीसीटीवी लगाने से किसी ऐतिहासिक इमारत के ढांचे को नुकसान न हो। ज्ञातव्य है कि इस आश्रम का मुख्य आकर्षण इसके बीचो बीच स्थित गांधीजी का मूल निवास हृदय कुंज है जिससे उक्त प्रतिकृति की चोरी हुई है। इस आश्रम को शुरूआत में 1915 में यहां कोचरब में स्थापित किया गया था पर दो साल बाद 1917 में इसे राणिप के निकट मौजूदा स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया था।
 

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