मोहन लालवानी की सक्रियता को बरकरार रख सकते हैं नए जिलाध्यक्ष के रुप में लेखराम साहू
कांग्रेस संगठन चुनाव को लेकर पिछले डेढ़ महीने से अटकले लगाई जा रही है;
धमतरी। कांग्रेस संगठन चुनाव को लेकर पिछले डेढ़ महीने से अटकले लगाई जा रही है। लेकिन अब तक जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो पाई। इस दौरान कई नाम सामने आए लेकिन आखिर दौर में दो ही नाम कुरुद के पूर्व विधायक लेखराम साहू व चमन साहू के नाम पर पेंच फंसे होने की सूचना विश्वनीय सूत्रों से मिल रही है। इस संंबंध में कांग्रेस की राजनीति गलियारों में चर्चा हो रही है कि वर्तमान जिलाध्यक्ष मोहन लालवानी अपने कार्यकाल के दौरान काफी सक्रिय रहे, लगातार जिले का दौरा कर कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर संगठन को मजबूती प्रदान करते रहे। इसी का परिणाम है कि आज जिले में कांग्रेस भाजपा को पूरी टक्कर दे रही है।
अब ऐसी चर्चा है कि नयो जिला अध्यक्ष के रुप में लेखराम साहू, मोहन लालवानी की सक्रियता को बरकरार रख सकते है। लेखराम शुरु से ही कांग्रेस में सक्रिय नेता के रुप में जाने जाते है। उनकी पकड़ जिले में मजबूत मानी जाती है। वे कांग्रेस संगठन में अग्रिम पंक्ति से लेकर अंतिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के बीच बने हुए है। यदि वे जिला अध्यक्ष बनाए जाते है तो कांग्रेस संगठन को नई ऊर्जा मिलेगी।
कार्यकर्ताओं की पुछ परख बनी रहेगी। वहीं आने वाले विधानसभा चुनाव में जिले में कांग्रेस पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। सूत्रों की माने तो लेखराम साहू ने नाम पर जिले के एक दिग्गज नेता व उनके कुछ समर्थकों को आपत्ति है क्योकि उक्त नेता को अपने इशारो पर चलने वाला जिलाध्यक्ष चाहिए। जबकि लेखराम साहू बेबाक व निडर नेता माने जाते है ऐसे में लेखराम के जिलाध्यक्ष बनने से उक्त दिग्गज नेता की जिले में जानकारी बिगड़ सकती है। और कांग्रेस को अपनी प्रापटी समझने वाले नेता के भविष्य के सपनों पर पानी फिर सकता है।
इसलिए उनका विरोध कर रहे है। वहीं दूसरी ओर जिले के अधिकांश वरिष्ठ कांग्रेसी व जमीनीकार्यकर्ता लेखराम साहू के जिलाध्यक्ष बनने के समर्थन में नजर आ रहे है। वे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से लेखराम साहू को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे है। जिले के कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के अनुसार इस बार जिले के उक्त दिग्गज नेता की संगठन चुनाव में चलने वाली नहीं है।
वहीं दिग्गज नेता द्वारा अपने समर्थक चमन साहू के नाम को जिलाध्यक्ष के लिए आगे किया जा रहा, लेकिन जिले के अधिकांश कांग्रेसियों को उक्त नाम पर आपत्ति होने की चर्चा है। कांग्रेसी नेताओं की माने तो दिग्गज नेता द्वारा जिस नाम के लिए जोर लगाया जा रहा है। वो मात्र कठपुतली साबित होगा। जिसे जिले भर के कांग्रेसियों पर थोपने का प्रयास हो रहा है। अब यह तो समय ही बताएगा कि सक्रिय नेता को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती है य फिर इशारो पर लगने वाले नेता को बैठे बिठाए ताज मिलता है?