क्रिसमस के दिन मोदी दिखाएंगे कालकाजी मंदिर से बॉटेनिकल गार्डन तक मेट्रो को झंडी
दिल्ली मेट्रो के इतिहास में एक बार फिर क्रिसमस, बड़ा दिन साबित होने जा रहा है क्योंकिवर्ष 2002 में पहली बार मेट्रो की शुरूआत के बाद एक बार फिर इसी बड़े दिन पर मेट्रो एनसीआर में प्रवेश करने जा रही है;
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो के इतिहास में एक बार फिर क्रिसमस, बड़ा दिन साबित होने जा रहा है क्योंकिवर्ष 2002 में पहली बार मेट्रो की शुरूआत के बाद एक बार फिर इसी बड़े दिन पर मेट्रो एनसीआर में प्रवेश करने जा रही है और इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कालका जी मंदिर से नोएडा के बॉटेनिकल गार्डन के बीच लाइन शुरूहोगी।
गहरे गुलाबी रंग की इस लाइन के शुरू होने से बॉटेनिकल गार्डन एनसीआर में जहां पहला इंटरचेंच होगा वहीं इसके शुरू होने से कालका जी 52 मिनट के मुकाबले 19 मिनट में पहुंच सकेंगे। फरीदाबाद की दूरी भी 58 मिनट से 36 मिनट में सिमट जाएगी। जनकपुरी वेस्ट से बॉटेनिकल गार्डन के बीच 38.23 किलोमीटर की इस लाइन पर अभी 12.64 किलोमीटर लाइन शुरू होगी।
नोएडा सिटी सेंटर से जसोला अपोलो अस्पताल आने के लिए भी 50 मिनट के स्थान पर 26 मिनट लगेंगे। कालका मंदिर से बॉटेनिकल गार्डन के बीच नौ स्टेशन हैं जिसमें कालका मंदिर के अलावा सभी ऐलिवेटेड हैं। मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि जब बॉटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम तक पूरी लाइन शुरू हो जाएगी तब गुरूग्राम पहुंचने के समय में भी कमी आएगी।
यात्रियों को हौजखास से मेट्रो लेने पर नोएडा से गुरूग्राम जाने के लिए 50 मिनट का समय लगेगा जबकि अभी राजीव चौक से होते हुए 1.5 घंटे से अधिक का समय लगता है। मेट्रो को उम्मीद है कि लाइन के शुरू होने के बाद मौजूदा 30 हजार यात्रियों वाले बॉटेनिकल गार्डन इंटरचेंज का 1.23 लाख यात्री इस्तेमाल करेंगे।
नोएडा सीधे घरेलू हवाई अड्डे से जुड़ जाएगा और कुल 40 मिनट में कोई भी अपनी फ्लाइट पकड़ऩे के लिए पहुंच सकेगा। इसके साथ ही पहली बार मेट्रो ने ऐलिवेटेड यार्ड का निर्माण जसोला विहार में किया है।
दरअसल 36 किलोमीटर लंबी लाइन के लिए यह इकलौता डिपो बनाया जाना था और यहां अधिग्रहण की समस्या को देखते हुए 22.5 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता थी लेकिन आधी मिलने पर यहां ऐलिवेटेड यार्ड का प्रयोग किया गया। कालिंदी कुंज में बने इस यार्ड में ऑटो वाशिंग प्लांट लगाया गया है ताकि मेट्रो ट्रेन की धुलाई हो सके। यहां एक साथ 27 ट्रेन के लिए स्थान बनाया गया है। इसके साथ ही यहां सोलर पैनल भी लगाए गए हैं जाकि बिजली उत्पादन के लिए निर्भरता को बढ़ाया जा सके।
मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त कार्यालय को मंजूरी
मेट्रो की वर्षों पुरानी मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रीमंडल ने नागर विमानन मंत्रालय के अधीन मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त के एक सर्किल कार्यालय के गठन को आज मंजूरी दे दी है।
मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) विभिन्न सुरक्षा पहलुओं को देखेंगे। मेट्रो सुरक्षा आयुक्त के एक मंडल कार्यालय के गठन की मंजूरी के बाद अब कामकाज में भी तेजी आएगी। दरअसल नई लाइनों को निरीक्षण के लिए संरक्षा आयुक्त के दौरे का लंबा इंतजार करना पड़ता है लेकिन गठन के बाद कामकाज सुगम हो जाएगा।
इसके साथ-साथ दो वर्तमान रेल सुरक्षा आयुक्तों (सीआरएस) को दो सर्किल का अतिरिक्त प्रभार सौंपने की भी अनुमति दी गई है। ये मंडल सीएमआरएस, नई दिल्ली के अधिकार क्षेत्र के अधीन नहीं होंगे।