कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती पर मोदी संसद में दें बयान : येचुरी

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की व्यापक तैनाती और अमरनाथ श्रद्धालुओं से राज्य से चले जाने को कहे जाने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से संसद में बयान देने की मांग की है;

Update: 2019-08-04 02:03 GMT

गुंटूर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ( माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की व्यापक तैनाती और अमरनाथ श्रद्धालुओं से राज्य से चले जाने को कहे जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में बयान देने की मांग की है।

श्री येचुरी ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केन्द्र ने जम्मू-कश्मीर में व्यापक स्तर पर सुरक्षा बलों की तैनाती की और बिना कोई कारण बताये अमरनाथ श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द राज्य से चले जाने को कहा है। उन्होंने कहा, “ प्रधानमंत्री को संसद में जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती पर बयान देना चाहिए और देश के लोगों के मन में पैदा हुए संदेह को दूर करना चाहिए।”

माकपा महासचिव ने कहा कि ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि केन्द्र जम्मू-कश्मीर में प्रभावी संविधान के अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 को समाप्त कर रही है। प्रधानमंत्री की यह जिम्मेदारी है कि वह संसद में एक बयान देकर लोगों का संदेह दूर करें। 

उन्होंने कहा, “ यदि केन्द्र को आतंकवादी हमला किये जाने की योजना की कोई जानकारी मिली है तो प्रधानमंत्री को संसद में इससे संबंधित खुफिया रिपोर्ट पेश करनी चाहिए।”

श्री येचुरी ने कहा कि बिना किसी विस्तृत चर्चा के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार संसद से विधेयकों को पारित करा रही है। उन्होंने गैर कानूनी गतिविधि ( निवारण ) अधिनियम 2019 ( यूएपीए ) पारित किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र ने ऐसा कानून लागू किया है जिससे किसी भी व्यक्ति को संबंधित राज्य की अनुमति के बगैर गिरफ्तार किया जा सकता है।

माकपा समान विचारधारा वाले दलों के साथ यूएपीए विधेयक के विरुद्ध आंदोलन करेगी। उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान आठ महत्वपूर्ण सेक्टरों में मात्र 0.5 प्रतिशत विकास हुआ है।

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