बीएचयू घटना पर मोदी ने योगी से की बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हुयी घटना के मामले में चुप्पी तोड़ते हुए आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की;

Update: 2017-09-25 20:51 GMT

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हुयी घटना के मामले में चुप्पी तोड़ते हुए आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और इस मामले को तत्काल सुलझाने का निर्देश दिया।

जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों तथा छात्र संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए बीएचयू के कुलपति को तत्काल बर्खास्त करने तथा मामले की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।

श्री मोदी के अलावा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी श्री योगी से इस संबंध में बात की जिसपर श्री योगी ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस बारे में सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।

इस बीच कई छात्र और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना को लेकर राजधानी में कयी स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया।

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज यहां भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव की जानकारी देने के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा कि श्री मोदी और श्री शाह ने बीएचयू के मसले पर श्री योगी से बात की है और उन्हाेंने आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिलाया है।

संवादाताओं ने जब श्री गडकरी से जब बीएचयू के बारे में सवाला पूछा तो उन्होंने इसे एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और कहा कि राज्य सरकार इस पर ध्यान दे रही है।

यह कानून व्यवस्था से जुड़ा स्थानीय मामला है जिसकी जांच के आदेश दे दिये गये हैं।

इस बीच कांग्रेस ने बीएचयू में सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज की भर्त्सना करते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से विश्वविद्यालय के कुलपति को तत्काल बर्खास्त कर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से मामले की जांच कराने की मांग की।

पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि बीएचयू के कुलपति की इस मामले में बेहद असंवेदनशील भूमिका रही है इसलिए राष्ट्रपति मामले का संज्ञान लेकर तत्काल कुलपति को बर्खास्त करें।

यह अत्यंत संवेदनशील मामला है इसलिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से इसकी जांच करा कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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