किसानों की जीवन रेखा मेट्टूर बांध के दरवाजों को एम के स्टालिन ने खोला
तमिलनाडु में लगातार दूसरे साल कावेरी डेल्टा क्षेत्र के किसानों की जीवन रेखा मेट्टूर बांध के दरवाजों को कुरुवई फसल की खेती के लिए शनिवार को पारंपरिक तिथि पर खोला गया;
सेलम। तमिलनाडु में लगातार दूसरे साल कावेरी डेल्टा क्षेत्र के किसानों की जीवन रेखा मेट्टूर बांध के दरवाजों को कुरुवई फसल की खेती के लिए शनिवार को पारंपरिक तिथि पर खोला गया।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कावेरी नदी पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाकर सिंचाई के लिए बांध के दरवाजे खोले और विश्वास जताया कि राज्य इस वर्ष भी खाद्यान्न उत्पादन लक्ष्य को पार करेगा।
बांध के दरवाजे खोले जाने तक जल स्तर 96.81 फुट था, जबकि इसका पूर्ण स्तर 120 फुट है और भंडारण स्तर 60.38 टीएमसी है।
उन्होंने कहा कि सरकार हर साल पारंपरिक तारीख पर सिंचाई के लिए बांध खोलने के कुरुवई फसल कृषि योग्य क्षेत्र को बढाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बांध के 120 वर्ष पुराने इतिहास में 88वीं बार पानी छोड़ा गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने पिछली अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान मंत्रियों के बांध का दरवाजा खोलने की परंपरा को खत्म कर दिया था जिसके बाद स्टालिन द्रमुक के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिन्होंने बांध के दरवाजा खोले।
स्टालिन ने तीन जून को जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन, कृषि मंत्री एमआरके पनीरसेल्वम और उच्च अधिकारियों के साथ बैठक के बाद घोषणा की थी कि स्टेनली जलाशय में भंडारण स्तर और किसानों की पानी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 12 जून से बांध के दरवाजे खोले जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरुआत में बांध से तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसे आज शाम तक धीरे-धीरे बढ़ाकर 10,000 क्यूसेक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि बांध से छोड़ा गया पानी अंतिम लाभार्थी तक पहुंचे, किसानों के परामर्श से नहरों से गाद निकालने का काम किया जा रहा है। इस पर डेल्टा जिलों में 65.11 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 647 कार्य चल रहे हैं।
गौरतलब है कि आठ साल बाद पहली बार पिछले साल 12 जून को बांध से पानी छोड़ा गया था।