कन्या जन्म में हुआ मामूली सुधार तो प्रवासी आबादी अभी भी एकलाख से ज्यादा
दिल्ली में लड़कों के मुकाबले लड़कियों के जन्म प्रतिशत में मामूली सुधार दर्ज किया गया है और 2016 में एक हजार लड़कों के जन्म पर 902 लड़कियों के जन्म दर्ज किए गए हैं;
नई दिल्ली। दिल्ली में लड़कों के मुकाबले लड़कियों के जन्म प्रतिशत में मामूली सुधार दर्ज किया गया है और 2016 में एक हजार लड़कों के जन्म पर 902 लड़कियों के जन्म दर्ज किए गए हैं। जबकि यह दर वर्ष 2015 में 898 थी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज दिल्ली-2016 में जन्म और मृत्युओं की पंजीकरण वार्षिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में राजधानी में दर्ज किए गए जन्मों की संख्या 3.79 लाख थी जबकि2015 में यह 3.74 लाख व 2014 में यह 3.73 लाख दर्ज की गई थी। वर्ष 2016 में कुल पंजीकृत जन्म में, 1.99 लाख (52.6प्रतिशत) पुरुष थे और 1.79 (47.4 प्रतिशत) महिला थे।
हालांकि 2015 के 20.50 के मुकाबले वर्ष 2016 में प्रति हजार जन्म पर जन्म दर 20.38रही है। दिल्ली में कुल पंजीकृत जन्म में से, उत्तर दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में 34.57 प्रतिशत जन्म हुए हैं तो वहीं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 31.07 व पूर्वी निगम में 21.04 और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद इलाके में 12.19 प्रतिशत जन्म हुए जबकि दिल्ली छावनी इलाके में यह 1.13 प्रतिशत रही।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि अस्पतालों में जन्म लेने वाले मामलों में वृद्धि हुई है और यह 2015 में जहां 3.15 लाख थी तो 2016 में 3.28 लाख दर्ज की गई जो कि कुल जन्म का 86 प्रतिशत से अधिक है।
दिल्ली में वर्ष 2015 में रोजाना 1036 बच्चे पैदा हुए जबकि 2016 में यह 1025 दर्ज किए गए वहीं इसमें से सरकारी अस्पतालों में 2.12 लाख जन्म हुए।
श्री सिसोदिया ने बताया कि प्रसव के समय मां के आयु समूह से पता चलता है कि अधिकतम (43.58 प्रतिशत) मामलों में यह 20-24 साल थी, उसके बाद 25-29 वर्ष आयु वर्ग में 36.52 प्रतिशत और 16.8 प्रतिशत मामलों में मां की उम्र 30 वर्ष से अधिक थी।
श्री सिसोदिया ने बताया कि प्रति हजार जीवित जन्मों में शिशु मृत्यु दर 2015 में 23.25 से घटकर 2016 में 21.35 रह गई है।
श्री सिसोदिया ने बताया कि 2016 में दिल्ली में दर्ज की गई मौतों की संख्या 1.42 लाख थी, जो 2015 में 1.25 लाख थी। दिल्ली में हर दिन दर्ज की गई मौतों की औसत संख्या वर्ष 2016 में 387 तक दर्ज की गई। प्रति हजार आबादी में मृत्यु दर वर्ष 2016 के दौरान 7.61 तक रहीं और 64 प्रतिशत मृत्यु अस्पतालों में हुई जबकि बाकी 36 प्रतिशत घरेलू मृत्यु दर्ज हुई। रिपोर्ट बताती है कि 2016 में दिल्ली में प्रति दिन जन्म की औसत संख्या 1036 है और औसत संख्या में 387 मौतें हैं।
इस प्रकार दिल्ली की आबादी में शुद्ध प्राकृतिक वृद्धि प्रति दिन 649 और एक साल में 2.37 लाख है। दिल्ली की आबादी में शेष करीबन 1.42 लाख लोगों की वृद्धि बाहरी राज्यों से प्रवासित आबादी के कारण है।