विमानों के ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाना चाहता है मंत्रालय

भारत सरकार का नागर विमानन मंत्रालय चाहता है कि हवाई जहाज में डलने वाले पेट्रोल पर वैल्यू एडिट टैक्स (वैट) की दरें तुरंत प्रभाव से कम की जाएं;

Update: 2019-12-31 00:30 GMT

नई दिल्ली। भारत सरकार का नागर विमानन मंत्रालय चाहता है कि हवाई जहाज में डलने वाले पेट्रोल पर वैल्यू एडिट टैक्स (वैट) की दरें तुरंत प्रभाव से कम की जाएं। इतना ही नहीं, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान में डालने वाले पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग भी की है।

विमानों में डालने वाला पेट्रोल फिलहाल सामान्य पेट्रोल की ही तरह जीएसटी के दायरे में नहीं है। ऐसी स्थिति में विमानों के ईंधन पर भी अभी भारी भरकम टैक्स लगता है। विमान में डालने वाले पेट्रोल को यदि जीएसटी के दायरे में लाया गया तो हवाई जहाज में डाले जाने वाला पेट्रोल अभी के मुकाबले काफी सस्ता हो सकता है।

सोमवार शाम नागरिक उड्डयन मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप पुरी, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बंगाल, बिहार, उड़ीसा व उत्तर प्रदेश के मंत्री एवं मुख्य सचिव मौजूद रहे।

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी के मुताबिक, विमान में डलने वाले पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्य सरकारों को भी राजी करने का प्रयास किया जाएगा। पुरी के मुताबिक, उनके मंत्रालय ने जीएसटी काउंसिल से भी विमान में डाले जाने वाले पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने की अपील की है।

मंत्रालय का मानना है कि यदि विमानों के ईंधन को जीएसटी के दायरे में ले आया गया तो इससे घरेलू एयरलाइंस का व्यावसायिक संचालन ठीक से हो सकेगा।

ईंधन की कीमतों में कमी के प्रयासों के अलावा इस बैठक में कोलकाता व दुर्गापुर एयरपोर्ट के विस्तार पर भी चर्चा हुई। कूचबिहार स्थित आरएससीसी एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही, बागडोगरा एयरपोर्ट के विकास और दीघा से सी-प्लेन चलाने की पाश्चिम बंगाल सरकार की अपील पर भी बैठक में चर्चा की गई।

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