मध्य बिहार में होगा बिहार ग्रामीण बैंक का विलय : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य बिहार ग्रामीण बैंक में बिहार ग्रामीण बैंक के विलय के केंद्र सरकार और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के प्रस्ताव पर बिहार सरकार ने भी अपनी सहमति दे दी;

Update: 2018-07-10 22:19 GMT

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां मंगलवार को कहा कि मध्य बिहार ग्रामीण बैंक में बिहार ग्रामीण बैंक के विलय के केंद्र सरकार और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के प्रस्ताव पर बिहार सरकार ने भी अपनी सहमति दे दी। उन्होंने कहा कि बिहार ग्रामीण बैंक के विलय के बाद अब बिहार में तीन की जगह दो ही ग्रामीण बैंक उत्तर बिहार व मध्य बिहार कार्यरत रहेंगे। 

मोदी ने यहां बताया कि विलय से जहां मध्य बिहार ग्रामीण बैंक की आधार पूंजी में बढ़ोतरी होगी, वहीं ग्रामीण इलाकों में प्रभावी तरीके से ऋण वितरण का कार्य भी संभव हो सकेगा। इससे बैंक बेहतर तकनीक का उपयोग करने में भी सक्षम होंगे। 

उन्होंने कहा कि विलय के बाद यूको बैंक द्वारा प्रायोजित बिहार ग्रामीण बैंक के नौ जिलों की 376 शाखाएं, पांच क्षेत्रीय कार्यालय और 1,500 कर्मी मध्य बिहार ग्रामीण के अधीन हो जाएंगे। पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रायोजित मध्य बिहार ग्रामीण बैंक का कार्यक्षेत्र 11 की जगह 20 जिलों में होगा तथा इसकी शाखाओं की संख्या बढ़कर 1,078 हो जाएंगी। 

बिहार के वित्तमंत्री मोदी ने बताया कि देश में कार्यरत 196 ग्रामीण बैंकों की संख्या को प्रथम चरण 2004-05 में घटा कर 82 तथा दूसरे चरण 2014-15 में 56 कर दिया गया था। भारत सरकर की सहमति से नाबार्ड ने वैसे प्रायोजक बैंक के ग्रामीण बैंकों की संख्या को घटाने का निर्णय लिया है जिनके अधीन एक से अधिक बैंक कार्यरत है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पूरे देश में कार्यरत 56 ग्रामीण बैंकों की संख्या घटाकर 38 करने का प्रस्ताव है।

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