मौलवी उमर फारुख नजरबंद, यासीन हिरासत में
कश्मीर घाटी में चोटी काटने की घटनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए आज सुबह हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारुख को नजरबंद कर दिया गया;
श्रीनगर। कश्मीर घाटी में चोटी काटने की घटनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए आज सुबह हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारुख को नजरबंद कर दिया गया, जबकि अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हिरासत में लिया गया।
इसबीच, पिछले साल मई से नजरबंद कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता सैयद अली शाह गिलानी को अब तक किसी तरह की राहत नहीं दी गई है।
हुर्रियत के प्रवक्ता ने यूनीवार्ता को बताया, “आज सुबह से ही नगीन स्थित मीरवाइज उमर फारुख के घर के बाहर सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के जवान तैनात हैं और उन्हें अगले आदेश तक घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है।”
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रवक्ता ने बताया कि मलिक को मैसुमा स्थित उनके आवास से हिरासत में ले लिया गया, ताकि उन्हें चोटी काटने की घटनाओं के विरोध में जुमे की नमाज के बाद निकाले जाने वाले जुलूस में शामिल होने से रोका जा सके।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने आज सुबह मलिक के घर पर छापा मारकर उनको हिरासत में ले लिया।
हुर्रियत के प्रवक्ता ने यूनीवार्ता को बताया कि गिलानी पिछले वर्ष मई में नई दिल्ली से लौटने के बाद से ही नजरबंद हैं।
उन्होंने बताया, “गिलानी के हैदरपोरा स्थित आवास पर भारी तादाद में सुरक्षा बल और राज्य पुलिस के जवान तैनात हैं। नजरबंद किए जाने के बाद से ही गिलानी को मस्जिद में जुमे की नमाज तक अदा करने की इजाजत नहीं है।”
हुर्रियत के दोनों धड़ों और जेकेएलएफ ने कल साझा बयान जारी कर लोगों से कश्मीर में चोटी काटने की घटनाओं के विरोध में जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन करने का अनुरोध किया था। घाटी में अब तक चोटी काटने की 40 से ज्यादा घटनाएं होने की खबर है।
अलगाववादियों ने चोटी काटने की घटनाओं और कथित ‘कश्मीर विरोधी’ नीतियों के खिलाफ 14 अक्तूबर को श्रीनगर के पोलो ग्राउंड में विशाल रैली का आह्वान भी किया है।